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Relief In Income Tax: मध्यमवर्ग को इनकम टैक्स दरों में राहत देंगी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण!, ब्लूमबर्ग का दावा- बजट में नया टैक्स स्लैब हो सकता है घोषित

Relief In Income Tax: मोदी सरकार ने अपने पिछले 10 साल के कार्यकाल में इनकम टैक्स देने वाले मध्यमवर्ग को खास राहत नहीं दी है। जबकि, कॉर्पोरेट टैक्स की दरों को 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी किया गया। मध्यमवर्ग लगातार महंगाई में पिसने के कारण टैक्स में राहत की मांग कर रहा है।

नई दिल्ली। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट जुलाई में आएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट तैयार करने से पहले अर्थशास्त्रियों और समाज के अन्य वर्गों से सलाह-मश्विरा कर रही हैं। अब ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बार के बजट में मध्यमवर्ग के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बड़ी राहत का एलान कर सकती हैं।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्रालय में बजट पर चर्चा के दौरान अफसरों ने टैक्स में कटौती पर भी विचार किया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार इस बार बजट में सालाना 5 से 10 लाख रुपए तक कमाने वालों को टैक्स में छूट दिए जाने की उम्मीद है। अभी सालाना 5 से 10 लाख रुपए की आय पर 5 से 20 फीसदी तक इनकम टैक्स देना होता है। पुरानी इनकम टैक्स रिजीम में 5 लाख तक की आय टैक्स फ्री है। जबकि, नए इनकम टैक्स रिजीम में 7 लाख तक की आय को टैक्स फ्री रखा गया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि वित्त मंत्री नए टैक्स स्लैब की भी घोषणा कर सकती हैं। ये नया टैक्स स्लैब भी मध्यमवर्ग को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा।

pm narendra modi and nirmala sitharaman

मोदी सरकार ने अपने पिछले 10 साल के कार्यकाल में इनकम टैक्स देने वाले मध्यमवर्ग को खास राहत नहीं दी है। जबकि, कॉर्पोरेट टैक्स की दरों को 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी किया गया। लगातार बनी हुई महंगाई के कारण मध्यमवर्ग के लिए घर चलाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में इनकम टैक्स की मौजूदा दरों के कारण उसके हाथ में खर्च करने के लिए रकम भी कम बचती है। तमाम संगठन लगातार इनकम टैक्स की दरों में राहत की मांग काफी अर्से से करते रहे हैं। वहीं, सरकार के सामने ये दिक्कत है कि उसे मुफ्त राशन योजना समेत तमाम अन्य काम के लिए धन चाहिए। ऐसे में इनकम टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स के जरिए अपना खजाना भरने के अलावा उसके पास और रास्ता नहीं है।