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Justice Yashwant Verma: कैश जलने के मामले में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा पर एफआईआर कराने की बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन ने सीजेआई से मांगी मंजूरी, इस फैसले का दिया हवाला

Justice Yashwant Verma: जस्टिस यशवंत वर्मा पहले दिल्ली हाईकोर्ट में थे। 14 मार्च 2025 की रात उनके दिल्ली स्थित सरकारी आवास के स्टोर रूम में आग लगी थी। आग बुझाने के बाद मौके पर बड़ी तादाद में जला हुआ कैश देखा गया। इसकी जानकारी पुलिस के अफसरों ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को दी। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने जले हुए कैश का वीडियो दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय को भेजी। उन्होंने तत्कालीन सीजेआई संजीव खन्ना को बताया।

मुंबई। बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन ने सीजेआई बीआर गवई को चिट्ठी लिखी है। सीजेआई को लिखी चिट्ठी में बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन ने कैश जलने के मामले में फंसे जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ पुलिस केस दर्ज कराने की मंजूरी मांगी है। जस्टिस यशवंत वर्मा अभी इलाहाबाद हाईकोर्ट में हैं। किसी तरह का अदालती कामकाज करने की रोक यशवंत वर्मा पर लगी हुई है। बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अहमद आब्दी ने सीजेआई गवई को चिट्ठी भेजी है। उन्होंने के. वीरास्वामी बनाम भारत सरकार मामले का उदाहरण दिया है। अहमद आब्दी ने लिखा है कि इस मामले के फैसले के आलोक में जस्टिस यशवंत वर्मा पर केस दर्ज करने के लिए सीजेआई की मंजूरी जरूरी है।

बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन ने चिट्ठी में सीजेआई को लिखा है कि जस्टिस वर्मा के आवास पर कथित तौर पर काफी नकदी मिली। इस मामले में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून और भारतीय न्याय संहिता की अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज कराने की मंजूरी दें। चिट्ठी में लिखा गया है कि के. वीरास्वामी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा था कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज भी लोकसेवक हैं और आय से ज्यादा संपत्ति मामले में उनके खिलाफ भी केस चलाया जा सकता है। बता दें कि जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ केस दर्ज करने की मंजूरी मांगने वाली याचिका तीन वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया।

जस्टिस यशवंत वर्मा पहले दिल्ली हाईकोर्ट में थे। 14 मार्च 2025 की रात उनके दिल्ली स्थित सरकारी आवास के स्टोर रूम में आग लगी थी। आग बुझाने दिल्ली फायर सर्विस और पुलिस के कर्मचारी पहुंचे। वहां आग बुझाने के बाद उन्होंने बड़ी तादाद में जला हुआ कैश देखा। इसकी जानकारी पुलिस के अफसरों ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को दी। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने जले हुए कैश का वीडियो दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय को भेजी। उन्होंने तत्कालीन सीजेआई संजीव खन्ना को बताया। जिसके बाद जस्टिस यशवंत वर्मा के घर कैश जलने के मामले की जांच 3 जजों की कमेटी से कराई गई। वहीं, जस्टिस यशवंत वर्मा ने इसे खुद के खिलाफ साजिश बताया है। उनका कहना है कि आग बुझाने के बाद मौके पर उनकी बेटी और स्टाफ को कोई कैश नहीं दिखा। जबकि, घटना के कुछ दिन बाद जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास के पास से मीडिया को भी जले कैश के हिस्से मिले थे।