नई दिल्ली। अभी मैदानी इलाकों में दिन में गर्मी और रात में ठंड हो रही है, लेकिन जल्दी ही कड़ाके की ठंड की शुरुआत होने के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार हिमालय वाले राज्यों जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में मंगलवार यानी 29 अक्टूबर से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होगी। इसके अलावा दोनों राज्यों के मैदानी इलाकों में बारिश की भी संभावना है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के बाद ही मैदानी इलाकों में ठंड दस्तक देती है। ऐसे में उम्मीद है कि नवंबर के दूसरे हफ्ते तक मैदानी इलाकों में काफी ठंड पड़ने लगेगी।
मौसम विभाग पहले ही बता चुका है कि ला नीना के असर के कारण इस साल कड़ाके की ठंड पड़ने वाली है। ला नीना के दौरान जमीन और समुद्र की सतह का तापमान एक जैसा हो जाता है। इससे पहले 2023 के दिसंबर से मार्च 2024 तक भी पहाड़ी राज्यों से लेकर मैदानी इलाकों में जबरदस्त ठंड और कोहरे का सामना लोगों को करना पड़ा था। इस साल उससे भी ज्यादा ठंड पड़ने के आसार बताए जा रहे हैं। देश के मैदानी इलाकों में हर साल नवंबर के दूसरे या तीसरे हफ्ते से ठंड बढ़ना शुरू होती है। सबसे ज्यादा ठंड दिसंबर से लेकर फरवरी के तीसरे हफ्ते तक रहती है। हर साल ठंड के मौसम में अफगानिस्तान और पाकिस्तान से ठंडी हवाएं आती हैं और इसे ही पश्चिमी विक्षोभ कहा जाता है।
पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश भी होती है और इससे सूखी ठंड नहीं रहती। वातावरण में नमी के कारण लोगों को सूखी ठंड से होने वाली शारीरिक दिक्कतों का भी सामना नहीं करना पड़ता है। 2023 में ठंड के मौसम में लगातार पश्चिमी विक्षोभ आते रहे थे। इस बार भी अगर लगातार पश्चिमी विक्षोभ आए, तो कड़ाके की ठंड का लोगों को लंबे समय तक सामना करना पड़ सकता है। तो देर मत कीजिए। अपनी रजाई, कंबल और स्वेटर-जैकेट वगैरा निकालने की तैयारी का वक्त बस आने ही वाला है।