नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि वह महिला पहलवानों से जुड़े यौन उत्पीड़न मामले में मुकदमे का सामना करने के लिए तैयार हैं। मंगलवार, 21 मई को, सिंह ने घोषणा की कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है और अदालत में अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए तैयार हैं। सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि आरोप तय हो चुके हैं और अब सबूतों के साथ आरोपों को साबित करना अदालत की जिम्मेदारी है। उन्होंने पूरे आत्मविश्वास के साथ दावा किया कि उनके पास अपनी बेगुनाही के पूरे सबूत हैं।
बृजभूषण ने गलत काम करने से इनकार किया
बृजभूषण सिंह ने लगातार किसी भी गलत काम से इनकार किया है और कहा है कि चूंकि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है, इसलिए अपराध स्वीकार करने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने अदालत द्वारा अपने ऊपर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया
सह-आरोपी विनोद तोमर भी ट्रायल के लिए तैयार
बृजभूषण सिंह के सहयोगी विनोद तोमर, जो इसी मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं, ने भी अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है। तोमर ने जोर देकर कहा कि उनके पास अपनी बेगुनाही का समर्थन करने के लिए सबूत हैं। उन्होंने दिल्ली पुलिस की जांच की आलोचना करते हुए सुझाव दिया कि उचित जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी। उन्होंने कहा कि न तो उन्होंने और न ही सिंह ने कभी किसी को अपने घर पर आमंत्रित किया था और सच्चाई अंततः सामने आ जाएगी।
अदालत दिल्ली पुलिस की रद्दीकरण रिपोर्ट पर 27 जुलाई को फैसला करेगी
सिंह के खिलाफ POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दायर रद्दीकरण रिपोर्ट पर अदालत का फैसला 27 जुलाई तक के लिए टाल दिया गया है। यह फैसला 20 मई से टाल दिया गया था।
दिल्ली पुलिस ने यौन उत्पीड़न मामले में शिकायतकर्ताओं में से एक नाबालिग लड़की द्वारा अपना बयान वापस लेने के बाद रद्दीकरण रिपोर्ट दायर की। गौरतलब है कि नाबालिग पहलवान की ओर से रद्दीकरण रिपोर्ट का कोई विरोध नहीं किया गया। बृज भूषण शरण सिंह और विनोद तोमर दोनों अपनी बेगुनाही बरकरार रखते हैं और इसे साबित करने के लिए परीक्षण से गुजरने के लिए तैयार हैं। POCSO मामले में दिल्ली पुलिस की रद्दीकरण रिपोर्ट का नतीजा एक महत्वपूर्ण विकास होगा, जिसमें 27 जुलाई को अदालत का फैसला आने की उम्मीद है।