नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने अभूतपूर्व एक्शन लेते हुए बीएसएफ के डीजी पद से नितिन अग्रवाल को हटाकर उनके मूल कैडर केरल भेज दिया है। इसके अलावा बीएसएफ के स्पेशल डीजी वाईबी खुरानिया को भी पद से हटाकर उनके मूल कैडर ओडिशा भेजा गया है। गृह मंत्रालय ने इस कार्रवाई को समय से पहले अफसरों की उनके मूल कैडर में वापसी बताया है। शायद पहली बार ऐसा हुआ है, जब किसी केंद्रीय बल के डीजी और स्पेशल डीजी को गृह मंत्रालय ने एक साथ हटाने का फैसला किया है।
माना जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में जारी आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी एक्शन न लेने के कारण नितिन अग्रवाल और वाईबी खुरानिया को बीएसएफ के सबसे बड़े पदों से हटाया गया। पंजाब में पाकिस्तान से लगी सीमा से ड्रोन, हथियार और ड्रग्स की तस्करी पर प्रभावी रोक न लगने की वजह भी दोनों अफसरों को पद से हटाए जाने की वजह मानी जा रही है। बीएसएफ के डीजी और स्पेशल डीजी पद पर अभी किसी अफसर की तैनाती नहीं की गई है। नितिन अग्रवाल 1989 और वाईबी खुरानिया 1990 बैच के आईपीएस हैं। नितिन अग्रवाल को जून 2023 में बीएसएफ की कमान सौंपी गई थी।
बता दें कि बीते दो महीने में जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में बढ़ोतरी हुई है। खासकर जम्मू क्षेत्र में आतंकी लगातार आम जनता और सेना को निशाना बना रहे हैं। जानकारी के मुताबिक ये पाकिस्तानी आतंकी हैं। जाहिर तौर पर एलओसी और सीमा को पार कर आतंकी आए। ऐसे में घुसपैठियों को आसानी से भारत में प्रवेश करने का मौका मिलने पर सवाल उठते रहे हैं। अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ा एक्शन लेकर दिखाया है कि वो जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर प्रभावी रोक लगाने के लिए कोई भी कदम उठा सकता है। सबकी नजर अब इस पर है कि बीएसएफ का डीजी और स्पेशल डीजी किसे बनाया जाता है।