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Women Reservation Bill: बड़ी खबर…महिला आरक्षण बिल पर कैबिनेट ने लगाई मुहर, अब…!

इस सत्र में एक देश एक चुनाव को लेकर भी विधेयक पेश किया जाएगा। बीते दिनों केंद्र सरकार के निर्देश पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाछथ कोविंद की अगुवाई में समिति गठित की गई थी, जिसकी अगली बैठक आगामी 23 सितंबर को होगी।

नई दिल्ली। संसद के विशेष सत्र के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आज नई दिल्ली स्थित संसद भवन के हाउस एनेक्स में कैबिनेट की बैठक हुई। जिसमें सभी नेता शामिल हुए। हालांकि, मीटिंग में किन-किन मुद्दों पर चर्चा हुई। अभी तक इस बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन बताया जा रहा है कि कैबिनेट बैठक में महिला आरक्षण बिल पर मुहर लगा दी गई है। अब इसे संसद में पेश किया जाएगा। बता दें कि कल यानी की 19 सितंबर से नए संसद भवन में विशेष सत्र का आगाज होने जा रहा है। यह सत्र नए संसद भवन में होगा। ध्यान दें, आज प्रधानमंत्री मोदी ने पुराने संसद भवन में अपने उद्भोदन में स्पष्ट कर दिया कि यह सत्र बेशक छोटा है, लेकिन यह ऐतिहासिक होने जा रहा है, जिसमें कई बिल पेश किए जाएंगे, लिहाजा हमारे साथियों से अपील है कि वो सत्र के शांतिपूर्ण संचालन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कराए।

हालांकि, बीते दिनों जब केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र आहूत किया था, तभी यह खबर आ चुकी थी कि महिला आरक्षण को लेकर संसद में बिल पेश किया जाएगा। बता दें कि विधेयक के पारित होने के बाद महिला राजनीतिज्ञों को चुनाव में 33 फीसद आरक्षण दिया जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो इससे पुरुषों राजनीतिज्ञों के सियासी हितों पर बड़ा कुठाराघात होगा। विपक्ष इस विधेयक को पारित कराने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता जाहिर कर सकता है।

वहीं, इस सत्र में एक देश एक चुनाव को लेकर भी विधेयक पेश किया जाएगा। बीते दिनों केंद्र सरकार के निर्देश पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई में समिति गठित की गई थी, जिसकी अगली बैठक आगामी 23 सितंबर को होगी। बता दें कि समिति में लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी शामिल किया गया था, लेकिन बाद में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर समिति से अपना नाम वापस ले लिया था। अधीर ने अपने पत्र में कहा था कि मुझे समिति में शामिल होने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन मुझे इस बात का डर है कि यह सरकार लोकतांत्रिक हितों पर कुठाराघात कर सकती है। लिहाजा मैंने अपना नाम वापस ले लिया है। इससे पहले अधीर ने संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने पर सवाल भी उठाया था। उन्होंने कहा था कि जब कुछ महीने बाद ही शीतकालीन सत्र शुरू होना है, तो विशेष सत्र आहूत करने की जरूरत क्यों है? बता दें कि साल में तीन बार संसद का सत्र आहूत किया जाता है, जिमसें बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र अहम होते हैं।