Bihar: बिहार में हुआ कैबिनेट का विस्तार, जानिए तेजप्रताप को कौन-सा मंत्रालय मिला?
Bihar: सबसे पहले बात तेज प्रताप यादव की करते हैं। विगत महागठबंधन सरकार में उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय का जिम्मेदारी दी गई थी। ऐसे में जब इस बार स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी खुद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने खुद अपने कांधे पर उठा ली, तो ऐसे लोगों में लोगों के जेहन में यह जानने की आतुरता अपने चरम पर थी कि उन्हें कौन सा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी जाती है, तो इस बार उन्हें स्वास्थ्य की जगह पर्यावरण मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई।
नई दिल्ली। बिहार में हुए हाईवोल्टेज सियासी ड्रामे के बाद नीतीश कुमार महागठबंधन संग सरकार बनाने के बाद एक बार फिर से मुख्यमंत्री बन चुके हैं, तो वहीं तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम। उधर, बीजेपी का हमला महागठबंधन सरकार पर लगातार जारी है। बीजेपी की तरफ से महागठबंधन सरकार पर होने वाले ये हमले स्वाभाविक हैं, क्योंकि नीतीश कुमार ने बीजेपी को गच्चा देकर महागठबंधन संग सरकार बनाई है। उधर, इन सबके बीच आज बिहार मंत्रिमंडल में विस्तार हुआ है, जहां सभी मंत्रियों को मंत्रालय आवंटित किए गए हैं। आइए, आपको बताते हैं कि किसे कौन-सा मंत्रालय दिया गया है।
चलिए, सबसे पहले बात तेज प्रताप यादव की करते हैं। विगत महागठबंधन सरकार में उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी। ऐसे में जब इस बार स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी खुद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने खुद अपने कांधे पर उठा ली, तो ऐसे में लोगों में लोगों के जेहन में यह जानने की आतुरता अपने चरम पर थी कि उन्हें इस बार कौन से मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी जाती है, तो आपको बता दें कि इस बार उन्हें स्वास्थ्य की जगह पर्यावरण मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बीते दिनों जब उनसे मीडिया द्वारा इस संदर्भ में सवाल पूछा गया था, तो उन्होंने कहा कि नेतृत्व की तरफ से जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, उन्हें सहर्ष स्वीकार किया जाएगा। वहीं, बिहार कैबिनेट के विस्तार की बात करें, तो कुल 31 मंत्रियों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। मंत्रिमंडल ठीक वैसा ही है, जैसा कि अनुमान लगाया जा रहा था। जेडीयू की तुलना में राजद का दबदबा ज्यादा देखने को मिला है।
बता दें कि राजद की ओर से जहां 16 नेताओं को पद एवं गोपनीयत की शपथ दी गई है, तो जेडीयू की ओर से महज 11 मंत्रियों ने ही पद एवं गोपनीयता की शपथ ली है, उसमें नीतीश कुमार के खासमखास रहे उपेंद्र कुशवाहा को कैबिनेट में जगह नहीं दी गई है। उधर, कांग्रेस के दो नेताओं को मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई है, तो इसके अलावा हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और वाम दल के एक-एक नेता को मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई है। ध्यान रहे कि साल 2020 में उन्होंने अपनी पार्टी रालोसपा का जेडीयू में विलय करा लिया था, जिसके बाद नीतीश ने उन्हें उनका कद बढाते हुए संसदीय बोर्ड का अध्य़क्ष भी बनाया था और इस बार जब बिहार में सियासी तूफान के बाद महागठबंधन की सरकार बनी, तो कुशवाहा ने भी मंत्री बनने का ख्वाब देखना शुरू कर दिया था, लेकिन अफसोस उनका यह ख्वाब महज ख्वाब ही रह गया। बहरहाल, अब आगामी दिनों में बिहार की राजनीति में क्या कुछ देखने को मिलता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।