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पंजाब के विधायकों संग अब जंतर मंतर पर कैप्‍टन अमरिंदर सिंह का धरना, दिल्‍ली बार्डर पर रोके गए सिद्धू

Punjab: पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू(Navjot Singh Siddhu) सहित कई विधायक, धरने में शामिल होने के लिए दिल्ली(Delhi) की तरफ आ रहे थे कि उन्हें दिल्ली पुलिस ने दिल्‍ली बॉर्डर पर ही रोक दिया गया।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के राज्‍य में मालगाड़ियों का परिचालन बंद करने के विरोध में पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह आज नई दिल्‍ली में राजघाट की बजाय जंतर मंतर में धरना दे रहे हैं। उनके साथ पंजाब के कांग्रेसी विधायक भी शामिल हैं। बता दें कि यह धरना एक दिन का होगा और वो भी सांकेतिक तरीके से। दरअसल पंजाब के सीएम केंद्र सरकार के सामने अपना विरोध दर्ज कराना चाहते हैं। इस धरने में राज्‍य के कांग्रेस विधायक भी शामिल हैं। इससे पहले पंजाब के विधायक मार्च निकालते हुए जंतर मंतर पर पहुंचे। अपने धरने को लेकर कैप्‍टन अमरिंदर ने कहा कि पंजाब में मालगाड़ियों का परिचालन बंद होने से बड़ा संकट पैदा हो गया है। इसके अलावा धरने में भाग लेने के लिए दिल्ली जा रहे कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को दिल्‍ली बार्डर पर रोक दिया गया। बता दें कैप्टन के धरने पर राज्‍य के विपक्षी दलों में शिरोमणि अकाली दल और आम आमदी पार्टी ने निशाना साधा है।

Congress MLA Protest

इससे पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने बताया था कि सीएम का पंजाब के विधायकों के साथ पहले राजघाट पर धरना देने वाले थे लेकिन अब उनका यह सांकेतिक धरना जंतर मंतर पर होगा। जानकारी के मुताबिक धरना स्थल का बदलाव दिल्ली पुलिस के आग्रह पर किया गया है। राजघाट पर सुरक्षा को लेकर कई तरह की पाबंदियां हैं इसलिए धरना स्थल बदल दिया गया है। कैप्टन 12.30 बजे मीडिया से वहां बात करेंगे। उससे पहले वह राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे।

वहीं पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू सहित कई विधायक, धरने में शामिल होने के लिए दिल्ली की तरफ आ रहे थे कि उन्हें दिल्ली पुलिस ने दिल्‍ली बॉर्डर पर ही रोक दिया गया। वे जंतर मंतर तक नहीं पहुंचे पाए। नवजोत सिद्धू के साथ अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, राजिंदर बेरी, अवतार हैनरी जूनियर और काका लोहगढ़ को दिल्ली-हरियाणा सीमा पर रोका गया।

पंजाब में मालगाड़ियों के परिचालन बंद होने से हो रही समस्या पर कैप्टन ने कहा कि मालगाडि़यों का परिचालन बंद होने के कारण पंजाब में कोयले की कमी से थर्मल प्लाटों में बिजली उत्पादन बंद है। खाद व डीएपी सहित अन्य जरूरी वस्तुएं पंजाब नहीं पहुंच पा रही हैं। अनाज व सब्जियां अन्य राज्यों को भेजने में भी रुकावट पैदा हो गई है। इन मुद्दों पर केंद्र सरकार का ध्यान दिलाया जाएगा। पंजाब के लिए मालगाडि़यों का परिचालन बहुत जरूरी है लेकिन केंद्र सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है।

amarinder singh

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने पंजाब सरकार के बिलों को लेकर मुलाकात के लिए राष्ट्रपति को 21 अक्टूबर को पत्र लिखकर समय मांगा था। कोई जवाब न आने पर 29 अक्टूबर को रिमाइंडर भी भेजा गया था।