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Parliament Security Breach: संसद की सुरक्षा में सेंध का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, दाखिल हुई याचिका, की गई ये मांग

Parliament Security Breach: इस पूरे मसले को लेकर सांसदों में जारी हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर हंगामा करने के मालमे में लोकसभा से जहां से 33 तो वहीं राज्यसभा से 34 सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया है, जिसे लेकर विपक्षियों का आक्रोश अपने चरम पर पहुंच चुका है।

नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में सेंध लगने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। इस बाबत याचिका दाखिल की गई है। जिसमें पूरे मामले की जांच रिटायर जज और एसआईटी की निगरानी में कराए जाने की मांग की गई है। फिलहाल, याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर लिया गया है। अब इस पर कब सुनवाई होगी? अभी तक इस संदर्भ में कोई जानकारी सामने नहीं आई है।

जानिए पूरा माजरा

दरअसल, गत 13 दिसंबर को संसद की कार्यवाही के दौरान कुछ युवक एकाएक संसद के अंदर दाखिल होकर हुड़दंग मचाने लगे। जिसमें एक युवक ने लोकसभा स्पीकर की कुर्सी की ओर जाने की कोशिश की, लेकिन तब तक सांसदों ने एकजुट होकर उसे पकड़ लिया। इसके बाद उसकी खूब धुनाई की जिसके बाद उसे सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया गया। उधर, शुरुआती पूछताछ में सामने आया है कि आरोपियों ने इस पूरी साजिश को अंजाम तक पहुंचाने के लिए कई महीने पहले तैयारी कर ली थी। बता दें कि भगत सिंह फैन क्लब से सभी आरोपी एक-दूसरे के संपर्क में आए थे। जिसके बाद सभी ने मिलकर पूरा प्लान बनाया। अब तक पुलिस ने साजिश में शामिल आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

…नहीं थम रहा सांसदों के निलंबन का सिलसिला

उधर, इस पूरे मसले को लेकर संसद में जारी हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर हंगामा करने के मामले में लोकसभा से जहां 33 तो, वहीं राज्यसभा से 34 सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया है, जिसे लेकर विपक्षियों का आक्रोश अपने चरम पर पहुंच चुका है। विपक्षी दलों का कहना है कि संसद की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर हंगामा करने के मामले में सत्तापक्ष संविधान द्वारा प्रदान की गई शक्तियों का बेजा इस्तेमाल कर विपक्ष के सांसदों को संसद से बाहर का रास्ता दिखा रही है, जिस पर बीते दिनों लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों के नाम पत्र भी लिखा था, जिसमें उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर जारी चर्चा और विपक्षी सांसदों के निलंबन का परस्पर कोई संबंध नहीं है।

राजनीति करने वालों पर गरजे पीएम मोदी

उधर, कई विपक्षी नेता संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले आरोपियों के पक्ष में आ गए हैं। आपको बता दें कि सबसे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले आरोपियों का बचाव किया। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी से त्रस्त युवाओं ने ऐसा करके इस सरकार को संदेश दिया है। उधर, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी राहुल गांधी के सुर में सुर मिलाकर संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले आरोपियों का बचाव किया। जिस पर बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया था कि संसद की सुरक्षा में सेंध का मामला यकीनन गंभीर है, लेकिन यह समय सियासत करने का नहीं है, बल्कि एकजुट होने का है और रही बात आरोपियों की तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।