
नई दिल्ली। इन्फोसिस के को-फाउंडर सेनापति क्रिस गोपालकृष्णन समेत 18 लोगों पर एससी-एसटी अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) में सेंटर फॉर सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी के पूर्व फैकल्टी मेंबर दुर्गप्पा की शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गई है। सिविल और सत्र न्यायालय के आदेश के बाद बेंगलुरु के सदाशिव नगर पुलिस स्टेशन में यह केस दर्ज किया गया है। आदिवासी बोवी समुदाय से आने वाले दुर्गप्पा ने शिकायत में कहा है कि 2014 में उन्हें हनी ट्रैप के मामले में झूठे आरोप लगाकर फंसाया गया और नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।
दुर्गप्पा ने यह भी आरोप लगाया कि उनके साथ अपशब्दों का प्रयोग किया गया और उन्हें धमकियां भी दी गईं। इस मामले में आईआईएससी के पूर्व निदेशक बलराम को भी आरोपी बनाया गया है। इन्फोसिस के को फाउंडर गोपालकृष्णन और आईआईएससी के पूर्व निदेशक बलराम के अलावा इस मामले में गोविंदन रंगराजन, प्रदीप डी सावकर, श्रीधर वारियर, हेमलता मिशी, चट्टोपाध्याय के, संध्या विश्वेश्वरैह, हरि केवीएस, दासप्पा, मनोहरन और बलराम पी के खिलाफ भी केस दर्ज है। फिलहाल अभी तक गोपालकृष्णन या अन्य लोगों की ओर से इस मामले में कोई भी आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
आपको बता दें कि 5 अप्रैल 1955 को केरल के तिरुवनंतपुरम में जन्मे क्रिस गोपालकृष्णन का नाम अक्टूबर 2024 में फोर्ब्स की सूची में भारत के 100 सबसे अमीर लोगों में 73वें स्थान पर था। उनकी संपत्ति लगभग 26 हजार करोड़ रुपये के आसपास आंकी गई है। संपत्ति के मामले में वो इंफोसिस के दूसरे सह संस्थापक नारायण मूर्ति से आगे हैं। गोपालकृष्णन साल 2007 से 2011 तक इन्फोसिस के सीईओ और प्रबंध निदेशक के पद पर रह चुके हैं। वहीं साल 2011 से 2014 तक उन्होंने इन्फोसिस के वाइस चेयरमैन का पद पर भी काम किया है। जनवरी 2011 में गोपालकृष्णन को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।