
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में हुए कथित शिक्षक भर्ती घोटाले में ममता बनर्जी की सरकार एक बार फिर मुश्किल में है। सीबीआई ने इस घोटाले के सिलसिले में नदिया जिले की पलाशीपाड़ा सीट से टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य पर केस दर्ज किया है। माणिक भट्टाचार्य को ईडी ने गिरफ्तार कर साल 2022 में जेल भेजा था। जानकारी के मुताबिक अब शिक्षक भर्ती घोटाले में केस दर्ज होने के बाद सीबीआई ने एक बार फिर माणिक से पूछताछ की है। माणिक भट्टाचार्य पर भी इस मामले में साजिश, धोखा देने और जालसाजी जैसे तमाम आरोप लगाए गए हैं। सीबीआई ने कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय को बताया है कि उसने टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य को गिरफ्तार किया है। इस मामले में एक और टीएमसी विधायक जीवन कृष्ण साहा को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।
जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने ही शिक्षक भर्ती घोटाले की सीबीआई से जांच कराने के आदेश दिए थे। पश्चिम बंगाल में कथित तौर पर शिक्षक भर्ती घोटाला साल 2014 से 2022 तक किया गया। इस मामले में कोर्ट में शिकायत दर्ज कराने के बाद सीबीआई को मई 2022 में जांच के आदेश दिए गए थे। सीबीआई के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी शिक्षक भर्ती घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच का काम अपने हाथ लिया था। ऐसे में दो केंद्रीय एजेंसियां शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही हैं।
इस मामले का खुलासा पिछले साल उस वक्त हुआ था, जब ईडी ने ममता सरकार में शिक्षा मंत्री के पद पर रहे पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी एक्टर अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया। पार्थ के यहां ईडी के छापे के बाद अर्पिता के फ्लैट पर छापा मारकर ईडी ने एक कमरे में रखी अकूत संपत्ति जब्त की थी। पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी तभी से जेल में हैं। पार्थ को टीएमसी से निलंबित भी कर दिया गया था। पार्थ चटर्जी को सीएम ममता बनर्जी का करीबी माना जाता रहा है।