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CBI On Oxfam: एनजीओ ऑक्सफैम इंडिया पर सीबीआई ने केस किया दर्ज, एफसीआरए उल्लंघन कर विदेशी मुद्रा हासिल करने का आरोप

सीबीआई के मुताबिक उसने 2022 में तलाशी अभियान चलाया था। जिस दौरान ऑक्सफैम के दफ्तर से कई ई-मेल भी हासिल किए थे। आरोप ये भी है कि ऑक्सफैम ने 2019-20 में एफसीआरए का उल्लंघन कर सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च को 12.71 लाख रुपए भी दिए। इसके अलावा भी तमाम और गड़बड़ियां मिलने की बात सामने आई है।

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय स्तर के एनजीओ ऑक्सफैम इंडिया Oxfam के खिलाफ सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया है। विदेशी अंशदान कानून यानी एफसीआरए के कथित तौर पर उल्लंघन के मामले में ऑक्सफैम के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। गृह मंत्रालय ने बीते दिन सीबीआई को ऑक्सफैम की कारगुजारियों की जांच के आदेश दिए थे। गृह मंत्रालय ने जनवरी 2022 में ऑक्सफैम इंडिया का एफसीआरए लाइसेंस सस्पेंड कर दिया था। सीबीआई ने जो केस ऑक्सफैम पर दर्ज किया है, उसमें कहा गया है कि एफसीआरए लाइसेंस निलंबित किए जाने के बावजूद एनजीओ ने विदेश से धन का लेन-देन किया। सीबीआई के मुताबिक ऑक्सफैम ने अपने बैंक खाते की जगह विदेशी योगदान खाते में करीब 1.5 करोड़ रुपए की धनराशि विदेशी मुद्रा में हासिल की।

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सीबीआई के केस में ये भी कहा गया है कि ऑक्सफैम इंडिया ने अन्य संघों और सलाहकार फर्मों को रकम ट्रांसफर करने के लिए एफसीआरए कानून को बाइपास करने की योजना बनाई। सीबीआई के मुताबिक उसने 2022 में तलाशी अभियान चलाया था। जिस दौरान ऑक्सफैम के दफ्तर से कई ई-मेल भी हासिल किए थे। आरोप ये भी है कि ऑक्सफैम ने 2019-20 में एफसीआरए का उल्लंघन कर सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च को 12.71 लाख रुपए भी दिए। सीबीआई की एफआईआर कहती है कि एनजीओ ने सामाजिक गतिविधियां करने के लिए एफसीआरए लाइसेंस लिया, लेकिन कमीशन के तौर पर सहयोगियों और कर्मचारियों के जरिए सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च को रकम का भुगतान किया।

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वहीं, ऑक्सफैम की तरफ से किसी भी तरह के गलत काम से इनकार किया गया है। एनजीओ ने कहा है कि इस मामले में जांच एजेंसी से सहयोगी किया जा रहा है। ऑक्सफैम के मुताबिक वो वैश्विक परिसंघ का हिस्सा है। एनजीओ का काम गरीबी, असमानता, लैंगिक न्याय और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर काम करना है। ऑक्सफैम का कहना है कि उसने एफसीआरए लाइसेंस का रिन्युअल न होने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी भी दी है।