नई दिल्ली। यूजीसी-नेट के बाद अब शिक्षा मंत्रालय ने नीट परीक्षा में हुई कथित गड़बड़ी की जांच भी सीबीआई के हवाले कर दी है। नीट परीक्षा में कथित गड़बड़ी के मामले में हंगामा मचा है और इसे रद्द करने की मांग हो रही है। हालांकि, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहले कहा है कि अभी परीक्षा रद्द करने का फैसला नहीं होगा, क्योंकि इससे हजारों छात्रों का भविष्य जुड़ा है।
बीती 5 जून को नीट की परीक्षा से ठीक पहले बिहार में पेपर लीक का पता चला था। वहीं, गुजरात में ऐसा गैंग मिला था, जो परीक्षा खत्म होने के बाद परीक्षार्थियों की ओएमआर शीट पर सही जवाब भरकर उसे भेजने का काम करता था। बिहार में आर्थिक अपराध यूनिट ईओयू पेपर लीक मामले की जांच कर रही है और उसने मुख्य आरोपी सिकंदर प्रसाद यादवेंदु समेत तमाम आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में आरजेडी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के पीएस प्रीतम कुमार का भी नाम आया है। इससे सियासत और गर्मा गई है।
वहीं, एनटीए ने नीट-पीजी परीक्षा भी रद्द कर दी है। इस परीक्षा की तारीख बाद में बताई जाएगी। यूजीसी-नेट की भी एक परीक्षा इससे पहले टालने का एलान किया गया था। दरअसल, मोदी सरकार अब चाहती है कि किसी भी सूरत में इन परीक्षाओं को शुचिता के साथ कराया जाए। इसके लिए सरकार ने एंटी पेपर लीक कानून को भी शुक्रवार देर रात लागू कर दिया था। एंटी पेपर लीक कानून के तहत 10 साल की कैद और 1 करोड़ रुपए का जुर्माना है। इसके अलावा अगर कोई संस्था पेपर लीक में शामिल मिली, तो उसकी संपत्ति जब्त करने और परीक्षा का पूरा खर्च उससे लेने का प्रावधान है। एंटी पेपर लीक कानून के तहत जमानत भी नहीं मिलेगी। इस कानून को इसी साल फरवरी में मोदी सरकार ने संसद से पास कराया था।