नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने दिल्ली की 123 वक्फ संपत्तियों को कब्जे में लेने का निर्देश दिया है। जिसमें मस्जिद के लिए आवंटित भूमि, कब्रिस्तान और दरगाह शामिल हैं। वहीं, केंद्र के इस फैसले के बाद दिल्ली सरकार की तरफ से मोर्चा संभालते हुए बोर्ड के अध्यक्ष व आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि 123 Waqf Properties” पर पहले ही अदालत में हमने आवाज़ उठाई है,High Court में हमारी Writ Petition No.1961/2022 पेंडिंग है। कुछ लोगों द्वारा इसके बारे में झूठ फैलाया जा रहा है, इसका सबूत आप सबके सामने है। हम वक़्फ़ बोर्ड की Properties पर किसी भी तरह का क़ब्ज़ा नहीं होने देंगे। इसके साथ ही खान ने मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में कहा कि हम केंद्र सरकार को वक्फ की संपत्तियों को बिल्कुल भी नहीं हथियाने देंगे। हम इसके लिए न्यायपालिका का भी दरवाजा खटखटाएंगे।
123 Waqf Properties” पर पहले ही अदालत में हमने आवाज़ उठाई है,High Court में हमारी Writ Petition No.1961/2022 पेंडिंग है।
कुछ लोगों द्वारा इसके बारे में झूठ फैलाया जा रहा है, इसका सबूत आप सबके सामने है। हम वक़्फ़ बोर्ड की Properties पर किसी भी तरह का क़ब्ज़ा नहीं होने देंगे। pic.twitter.com/UcW3rc0xJl
— Amanatullah Khan AAP (@KhanAmanatullah) February 17, 2023
उधर, इस संदर्भ में केंद्रीय एवं शहरी विकास मंत्रालय के समिति भूमि एवं विकास कार्यालय ने कहा कि जस्टिस एसपी गर्ग की अध्यक्षता वाली समिति ने गैर अधिसूचित वक्फ संपत्तियों के संदर्भ में कहा कि हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है। इससे पूर्व कोर्ट ने इस संदर्भ में समिति गठित की थी। इससे पूर्व बोर्ड के अध्यक्ष ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रालय के डिप्टी लैंड एंड डिवेलेपमेंट ऑफिसर को दिल्ली वक्फ बोर्ड के संदर्भ में गठित की गई समिति के विरोध में न्यायपालिका का भी दरवाजा खटखटाया था, जिसे लेकर बीते दिनों दिल्ली की राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ गई थी।
ध्यान रहे कि इससे पहले भी केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच कई मुद्दों को लेकर मतभेद प्रकाश में आ चुके हैं। पिछले कुछ दिनों से दोनों के बीच नगर निगम में मेयर चुनाव को लेकर रार सतह पर आई थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप किया। बता दें कि बीते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव के संदर्भ में फैसला देते हुए कहा था कि चुनाव मे मनोनीत सदस्यों को हिस्सा लेने का संवैधानिक अधिकार नहीं है। कोर्ट के इस फैसले को आम आदमी पार्टी ने सियासी मोर्चे पर अपनी जीत बताया था। बहरहाल, अब यह पूरा विवाद आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दूनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम