newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Ram Mandir Inauguration: 22 जनवरी को केंद्र सरकार ने किया सरकारी दफ्तरों में छुट्टी देने का ऐलान, तो तिलमिलाए ओवैसी ने कह दी ऐसी बात

Ram Mandir Inauguration: राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के बाबत सभी गणमान्यों को न्योता भेजा जा चुका है, लेकिन जहां कुछ लोगों ने इसे सहर्ष स्वीकार किया, तो वहीं कुछ ने इसे ठुकराया। ठुकराने वालों में कई राजनेता शामिल है। बीते दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से मिले आमंत्रण को ठुकरा दिया था।

नई दिल्ली। आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होगा। उद्गाटन से संबंधित सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। लेकिन इसे लेकर जारी सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। हर छोटी-बड़ी गतिविधि को लेकर विपक्षी खेमे की ओर से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। अब इसी बीच खबर है कि केंद्र की मोदी सरकार ने आगामी 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए सरकारी दफ्तरों में आधे दिन की छुटी देने का ऐलान किया है, ताकि सभी सरकारी कर्मचारी इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का हिस्सा बन सकें। इस संदर्भ में केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय की ओर से बाकायदा अधिसूचना भी जारी की गई है।

Owaisi

वहीं, अब इस पर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार के कदम की आलोचना की है। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि ,”बीजेपी शासित राज्य ने ईद मिलाद उन नबी की छुट्टी रद्द कर दी। संवैधानिक अथॉरिटी ने शुक्रवार को होने वाली नमाज के लिए मिलने वाले 30 मिनट के ब्रेक को खत्म कर दिया। ये सबका विकास है, लेकिन किसी के लिए तुष्टीकरण (बहुमत को छोड़कर)नहीं है।’ इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय की उस अधिसूचना को भी अपने ट्वीट में टैग किया है, जिसमें प्राण प्रतिष्ठा के दिन छुट्टी का ऐलान किया गया है।

बता दें कि बीते दिनों राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के बाबत सभी गणमान्यों को न्योता भेजा जा चुका है, लेकिन जहां कुछ लोगों ने इसे सहर्ष स्वीकार किया, तो वहीं कुछ ने इसे ठुकराया। ठुकराने वालों में कई राजनेता शामिल है। बीते दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से मिले आमंत्रण को ठुकरा दिया था, जिस पर बाद में राहुल गांधी ने मणिपुर में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान स्पष्ट कर दिया था कि अगर किसी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होना है, तो वो हो सकता है। हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन हमारी पार्टी इस आमंत्रण को इसलिए अस्वीकार किया, क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार ने इसे आगामी लोकसभा चुनाव के लिहाज से राजनीतिक कार्यक्रम में तब्दील कर रख दिया है, तो कुल मिलाकर इस पूरे मसले को लेकर सियासत का सिलसिला जमकर जारी है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।