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Fake Medicine Companies : नकली दवा बनाने वाली कंपनियों पर केंद्र सरकार का शिकंजा.. 76 कंपनी जांच के घेरे में 18 के लाइसेंस रद्द

Fake Medicine Companies :पिछले 15 दिन से चल रही स्पेशल ड्राइव के तहत ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने देश की 76 दवा कंपनियों का निरीक्षण किया था। जांच के दौरान केंद्र और राज्य दोनों की संयुक्ट टीमें मौजूद थीं। आपनी जांच के दौरान डीसीजीआई ने 203 दवा कंपनियों को आईडेंटिफाई करके उनके ऊपर कार्रवाई की है।आपको बता दें कि कार्रवाई के पहले दौर में 76 दवा निर्माता कंपनियों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया गया है।

नई दिल्ली। भारत में नकली दवाइयों का कारोबार बड़े पैमाने पर एक लंबे समय से चलता रहा है। केंद्र सरकार हर बार कोई ना कोई ऐसा कदम उठाती है जिससे कि इन पर लगाम लगाई जा सके और नकली दवाइयों के प्रसार को रोका जा सके। इस बार फिर केंद्र सरकार ने दवा की गुणवत्ता को लेकर दवा कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई की है। नकली दवा बनाने वाली 18 कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। दवा कंपनियों पर ये कार्रवाई उनपर छापेमारी के बाद की गई है। ये छापेमारी यूपी, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, गुजरात और दिल्ली समेत 20 राज्यों में की गई है। इसके बाद से नकली दवा निर्माता कंपनियों में हड़कंप मचा हुआ है।

सरकार के मुताबिक पिछले 15 दिन से चल रही स्पेशल ड्राइव के तहत ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने देश की 76 दवा कंपनियों का निरीक्षण किया था। जांच के दौरान केंद्र और राज्य दोनों की संयुक्ट टीमें मौजूद थीं। आपनी जांच के दौरान डीसीजीआई ने 203 दवा कंपनियों को आईडेंटिफाई करके उनके ऊपर कार्रवाई की है।आपको बता दें कि कार्रवाई के पहले दौर में 76 दवा निर्माता कंपनियों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया गया है। इनमें से 18 कंपनियों के या तो लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं या फिर उन्हें उत्पादन बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं 3 कंपनियों के उत्पादों की मंजूरी को रद्द कर दिया गया है। इसके अलावा 26 कंपनियों को उनकी दवाओं की गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सूत्रों के मुताबिक दवा कंपनियों के खिलाफ ये कार्रवाई आने वाले दिनों में भी जारी रहने की पूरी उम्मीद है।

गौरतलब है कि अगर सरकारी आंकड़ों की बात की जाए तो इसके मुताबिक देश में दवाओं की जांच के दौरान लिए गए सैंपल में से 2-3 फीसदी खराब पाए जाते हैं। उनमें कई बार तापमान या फिर एक्सपायरी की नजदीक होने की वजह से दवा की क्वालिटी में कमी पाई जाती है। लेकिन अब सरकार ऐसी तमाम कंपनियों के खिलाफ हरतक में आ गई है जो दवा की गुणवत्ता से समझौता करके लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करती हैं।