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India-Bangladesh Relations: ‘बांग्लादेशियों को वीजा जारी करने पर रोक लगाए केंद्र सरकार’, भाजपा के इस बड़े नेता ने कर दी केंद्र से मांग

India-Bangladesh Relations: शुभेंदु अधिकारी ने बांग्लादेश उप उच्चायोग को ज्ञापन सौंपने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए दोनों देशों के बीच आयात और निर्यात पर अस्थायी रोक लगाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने तक व्यापारिक गतिविधियां निलंबित कर दी जानी चाहिए।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को भारतीय अधिकारियों से बांग्लादेशियों को वीजा जारी करना तत्काल बंद करने की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को रिहा नहीं करती, तब तक यह रोक लगाई जानी चाहिए।

आयात-निर्यात पर भी अस्थायी रोक की मांग

शुभेंदु अधिकारी ने बांग्लादेश उप उच्चायोग को ज्ञापन सौंपने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए दोनों देशों के बीच आयात और निर्यात पर अस्थायी रोक लगाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने तक व्यापारिक गतिविधियां निलंबित कर दी जानी चाहिए।

“चिन्मय दास ने कुछ भी गलत नहीं किया”

शुभेंदु अधिकारी ने कहा, “बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार लंबे समय से हो रहा है। यह स्वीकार्य नहीं है। चिन्मय कृष्ण दास ने कोई गलत काम नहीं किया है। उन पर झूठे आरोप लगाकर गिरफ्तार किया गया है। उनकी तत्काल रिहाई की आवश्यकता है।”

राजद्रोह के आरोप में हुई गिरफ्तारी

बांग्लादेश सम्मिलिता सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया। वह एक रैली में शामिल होने के लिए चटगांव जा रहे थे। मंगलवार को चटगांव की एक अदालत ने राजद्रोह के मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी और उन्हें जेल भेज दिया।

बीजेपी ने निकाली रैली, सौंपा ज्ञापन

इस घटना के विरोध में शुभेंदु अधिकारी ने बीजेपी के सात विधायकों के साथ कोलकाता के वींद्र सदन क्षेत्र से बांग्लादेश के उप उच्चायोग तक रैली निकाली। इसके बाद उन्होंने चिन्मय दास की रिहाई की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।

बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार

बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार के मुद्दे पर शुभेंदु अधिकारी ने केंद्र सरकार से भी हस्तक्षेप करने की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और दबाव बनाना चाहिए ताकि बांग्लादेश सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सके।