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Cabs Older Than 8 Years Will Be Out Of Service: ओला-उबर में टैक्सी चला रहे लोगों के लिए बुरी खबर, 8 साल या ज्यादा पुरानी गाड़ियां सर्विस से होंगी बाहर!

Cabs Older Than 8 Years Will Be Out Of Service: टैक्सी सर्विस में रजिस्ट्रेशन के बाद 8 साल तक ही गाड़ी के इस्तेमाल का नियम आने से गाड़ी खरीदने वालों के लिए दिक्कत पैदा हो सकती है। इसकी वजह ये है कि ज्यादातर लोग लोन पर ही गाड़ी खरीदते हैं। 8 साल की समयसीमा में लोन पूरी तरह चुकता होना मुश्किल होता है। इसके अलावा गाड़ियां अगर टैक्सी सर्विस से बाहर हुईं, तो उनके ड्राइवरों के लिए जीविका की तलाश करना भी मुश्किल बन सकता है।

नई दिल्ली। ओला, उबर या अन्य किसी कैब एग्रीगेटर्स में टैक्सी चला रहे लोगों के लिए ये बुरी खबर है। मीडिया की खबरों के मुताबिक केंद्र सरकार ने नियम तय किया है कि ओला और उबर जैसी टैक्सी सर्विस में कोई भी गाड़ी अपने रजिस्ट्रेशन से 8 साल तक ही चल सकेगी। इस समयसीमा के बाद भले ही गाड़ी फिट हो, लेकिन वो टैक्सी सर्विस के लिए अनुपयुक्त मानी जाएगी। ये नियम पूरे देश में लागू किया जाएगा। इससे टैक्सी सर्विस देने वाले कैब एग्रीगेटर्स के यहां गाड़ियों की संख्या कम होने के आसार हैं। जानकारी के मुताबिक ओला और उबर में जितनी भी गाड़ियां रजिस्टर्ड हैं, उनमें से 20 फीसदी 8 साल या ज्यादा पुरानी हैं।

टैक्सी सर्विस में रजिस्ट्रेशन के बाद 8 साल तक ही गाड़ी के इस्तेमाल का नियम आने से गाड़ी खरीदने वालों के लिए दिक्कत पैदा हो सकती है। इसकी वजह ये है कि ज्यादातर लोग लोन पर ही गाड़ी खरीदते हैं। 8 साल की समयसीमा में लोन पूरी तरह चुकता होना मुश्किल होता है। इसके अलावा गाड़ियां अगर टैक्सी सर्विस से बाहर हुईं, तो उनके ड्राइवरों के लिए जीविका की तलाश करना भी मुश्किल बन सकता है। जानकारी के मुताबिक ओला, उबर और अन्य टैक्सी सर्विस से जो गाड़ियां बाहर होंगी, उनको मालिक अपने निजी काम में इस्तेमाल कर सकेंगे। इन गाड़ियों को बेचा भी जा सकेगा।

केंद्र सरकार ने 8 साल तक ही गाड़ियों को टैक्सी सर्विस में रखने का नियम इस वजह से बनाया ताकि यात्रा करने वालों को बेहतर सुरक्षा मिले। साथ ही वे नई गाड़ियों में और आराम से यात्रा कर सकें। दरअसल, नई गाड़ियों के मुकाबले पुरानी में सेफ्टी फीचर कम होते हैं। मसलन केंद्र सरकार ने हर कार में छह एयरबैग रखने का नियम बनाया है, लेकिन पुरानी गाड़ियों में सुरक्षा की ये सुविधा देखने को नहीं मिलती है। वहीं, पुरानी के मुकाबले नई गाड़ियों से प्रदूषण भी कम होता है। हालांकि, टैक्सी सर्विस में लगी गाड़ियों के लिए 8 साल की समयसीमा तय किए जाने से परेशान होने वाले लोगों की संख्या भी काफी होने के आसार हैं। इसके अलावा सड़कों पर ओला, उबर जैसी सभी सर्विस की टैक्सियां कम होने से यात्रियों के लिए भी मुश्किल बढ़ सकती है।