
चाईबासा। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ झारखंड के चाईबासा के एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर पेश होने का आदेश दिया है। राहुल गांधी के वकील ने हाजिरी माफी का आवेदन कोर्ट में दिया था, लेकिन इसे माना नहीं गया और राहुल गांधी को पेश होने के लिए कहा गया है। राहुल गांधी के खिलाफ ये मामला 5 साल पुराना है। बीजेपी नेता प्रताप कुमार ने चाईबासा में सीजेएम कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दी थी। शिकायत में कहा गया था कि राहुल गांधी ने 28 मार्च 2018 को कांग्रेस के अधिवेशन में बीजेपी के खिलाफ गलतबयानी की।
इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद चाईबासा सीजेएम कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज शिकायत की सुनवाई के लिए 20 फरवरी 2020 को चाईबासा के ही एमपी-एमएलए कोर्ट को भेजा था। चाईबासा कोर्ट ने राहुल गांधी को समन भेजकर तलब किया था, लेकिन राहुल गांधी कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे। यहां तक कि जमानती वारंट जारी होने के बावजूद भी राहुल गांधी कोर्ट में पेश नहीं हुए। इसके बाद राहुल गांधी के वकील ने झारखंड हाईकोर्ट का रुख किया। वहां से राहत न मिलने के बाद राहुल गांधी के वकील ने चाईबासा एमपी-एमएल कोर्ट में पेशी से छूट का आवेदन दिया, लेकिन कोर्ट ने इसे नहीं माना और राहुल गांधी को पेश होने का आदेश दिया।
गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद अब राहुल गांधी के पास एक बार फिर झारखंड हाईकोर्ट जाने का रास्ता बचा है। अगर वहां से उनको राहत नहीं मिलती, तो राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट में भी राहत के लिए अर्जी दे सकते हैं। बता दें कि राहुल गांधी के खिलाफ देश के कई कोर्ट में अलग-अलग केस चल रहे हैं। इनमें गलतबयानी और वीर सावरकर के खिलाफ बिना तथ्यों के बयान देने के भी केस हैं। राहुल गांधी को मानहानि के एक केस में गुजरात की अदालत ने सजा सुनाई थी। जिसमें उनकी लोकसभा सदस्यता भी चली गई थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगाई थी।