भूमिपूजन के बाद शुरू हुआ भव्य राम मन्दिर निर्माण का कार्य, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने की ये अपील
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि, “आप अपना पैसा सीधे तौर पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अकाउंट में ट्रांसफर करा सकते हैं।”
नई दिल्ली। भूमि पूजन के बाद अब राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। मंदिर निर्माण में सहयोग करने के लिए श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सभी श्रीराम भक्तों से आह्वान करते हुए कहा है कि यथाशक्ति व यथासंभव दान करें। बता दें कि मंदिर निर्माण के लिए पीएम मोदी ने 5 अगस्त को अयोध्या जाकर मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था।
मंदिर निर्माण कार्य प्रारम्भ होने की जानकारी देते हुए श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय आह्वान करते हुए कहा कि, “भाईयों और बहनों, पीएम मोदी द्वारा भूमि पूजन कर दिया है। करोड़ों परिवारों में भूमि पूजन टीवी पर देखा। अनेकों के मन में भाव जगा ही होगा कि हम भी मंदिर के निर्माण में अपना आर्थिक योगदान दें।”
उन्होंने कहा कि, “आप अपना पैसा सीधे तौर पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अकाउंट में ट्रांसफर करा सकते हैं।” उन्होंने बताया कि ट्रांसफर कराने की सारी जानकारी रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर उपलब्ध होंगी।
जय श्री राम!
प्रभु श्रीराम की पावन जन्मभूमि पर उनके भव्य और दिव्य मन्दिर के निर्माण का कार्य माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा भूमिपूजन पश्चात प्रारम्भ हो गया है।
श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र सभी श्रीराम भक्तों का आह्वान करता है कि मन्दिर निर्माण हेतु यथाशक्ति व यथासंभव दान करें। pic.twitter.com/Y7oTmuPOiL
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) August 12, 2020
राम मंदिर का जीवन काल 1 हजार साल का होगा : चंपत राय
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का डिजाइन कुछ इस तरह से किया गया है, जिससे ये करीब 1,000 वर्षों तक सलामत रहेगा है। साथ ही अधिक तीव्रता वाले भूकंप में ही इसे कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा, “नींव के खंभे मजबूत और गहरे होंगे, जो ऊपर के विशालकाय पुलों को पकड़े रहेंगे, इससे संरचना मजबूत और भूकंप प्रतिरोधी बनेगी।”
अयोध्या में कारसेवकपुरम में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राम मंदिर हजारों वर्षों तक किसी भी प्राकृतिक आपदा का सामना करने में सक्षम होगा। डिजाइन का विवरण जल्द ही तैयार हो जाएगा। राय ने आगे कहा कि सदियों पुराने अवशेषों सहित मंदिर स्थल की खुदाई और समतलन के दौरान सामने आई सभी कलाकृतियों का प्रदर्शन मंदिर परिसर में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंदिर का अंतिम नक्शा अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा पारित किया जाएगा और अपेक्षित शुल्क का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हम शुल्क में कोई छूट नहीं मांग रहे हैं।’
राय ने कहा कि ट्रस्ट के खाते में वर्तमान में 42 करोड़ रुपये का बैलेंस है और यह 1 रुपये से 1 करोड़ रुपये तक के दान से प्राप्त हुआ है। एक प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “मंदिर के आंदोलन में पूरे भारत से करीब 20,000 संतों ने भाग लिया और सभी को आमंत्रित करना संभव नहीं था। हम अयोध्या के बाहर के 90 संत और मंदिर के शहर से सिर्फ 52 संतों को ही निमंत्रण भेज सकते थे।”