नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं का असर कितना हुआ है। खास कर अगर हम प्रधानमंत्री आवास योजना या स्वामित्व योजना की बात करें। जो आंकड़े सामने आ रहे हैं उनमें ये कहा जा रहा है कि महिलाएं होम लोन लेने में पहली बार बड़ी तादाद में आगे आई हैं। महिला सशक्तिकरण को लेकर ये कितना जरुरी है और क्या कुछ कहते हैं ये आंकड़े ये जानेंगे इस खबर में। महिला सशक्तिकरण को लेकर कई योजनाएं चल रही हैं। लेकिन हम बात करेंगे दो योजनाओं की। स्वामित्व योजना और PMAY अर्बन की। इन योजनाओं की वजह से संपत्तियों के मामले में भारतीय महिलाएं सशक्त हो रही हैं और पूरा ईडब्ल्यूएस क्लास भी आगे बढ़ रहा है। आंकड़ों के मुताबिक ऐसा पहली बार हुआ है कि 16 फीसदी महिलाओं ने होम लोन लिया है। यही नहीं देश के कुछ जिलों में तो होम लोन लेने वाली महिलाओं की संख्या 80 फीसदी को पार कर गई है।
देश के टॉप 20 जिलों की बात करें तो, गुजरात के डांग में 86 प्रतिशत, बिहार के अरवल में 75 प्रतिशत, गुजरात के बातोड़ में 63 प्रतिशत, हरियाणा के पलवल में 58 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ के जशपुर में 58 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश के वेस्ट गोदावरी में 57 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश के बलिया में 57 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ के मुंगेली में 57 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश के बागपत में 56 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में 55 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ के सरगुजा में 55 प्रतिशत, उत्तराखंड के बागेश्वर में 54 प्रतिशत, गुजरात के बनासकंठा में 54 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ के कांडागांव में 53 प्रतिशत, हरियाणा के सोनीपत में 52 प्रतिशत, हरियाण के कैथल में 52 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ के उत्तर बस्तर कांकेर में 51 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश के गंतूर में 50 प्रतिशत, उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में 50 प्रतिशत और छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा में 50 प्रतिशत महिलाओं ने होम लोन लिया है।
India ushering in new social fabric in rural hinterlands by empowering of women & EWS through properties. First time women borrowers for home loans at 16%, with some districts even crossing 80%. SVAMITVA, PMAY(U) & Aspirational Districts are game changers! pic.twitter.com/4kqPcPac3X
— Soumya Kanti Ghosh (@kantisoumya) August 8, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामित्व योजना और पीएम आवास योजना के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को पक्का घर और अपनी जमीन के मालिक हो सकें इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए योजनाएं शुरु कीं। स्वामित्व योजना अप्रैल 2020 में शुरु की गई। इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में रह रहे कई लोगों को लाभ मिल रहा है जिनके पास अपनी जमीन का मालिकाना हक नहीं था। जिनकी जमीन किसी भी सरकारी रिकॉर्ड में शामिल नहीं हुई थी। उन लोगों का बकायदा रजिस्ट्रेशन हो रहा है। इस योजना के जरिए उन्हें मालिकाना हक भी मिल रहा है और उनकी जमीन पर पहले कब्जा होने का डर रहता था वो डर भी दूर हुआ है।
इसके अलावा बात करें अगर प्रधानमंत्री आवास योजना अर्बन की। तो इस योजना के जरिए जरुरतमंद लोगों को घर बनवाने के लिए आर्थिक मदद दी जा रही है। इससे गरीब अपना घर बनवा पा रहे हैं। इस योजना के जरिए लाभार्थी परिवार को सरकार की तरफ से 2.67 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाती है। ग्रामीण और शहरी इलाकों में रहने वाले लोग अपने घर के सपने को पूरा करने के लिए इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। इसके लिए बकायदा आवेदन प्रक्रिया है जिसके माध्यम से लाभार्थी आसानी से घर के सपने को साकार कर पा रहे हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि महिलाओं के नाम पर संपत्तियां बढ़ेंगी तो देश की आधी आबादी का सशक्तिकरण होगा जो देश के लिए बड़ी उपलब्धि साबित होगी।