
नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के शहरी इलाके में कूनो नेशनल पार्क से निकला चीता ‘वायु’ इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। वीर सावरकर स्टेडियम और अन्य स्थानों पर चीते की मौजूदगी से शहर में दहशत का माहौल बन गया है। इस घटना ने कूनो प्रबंधन के निगरानी दावों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
शहरी इलाके में तीन दिन तक रहा चीता
कूनो नेशनल पार्क से चार दिन पहले निकले चीते ‘वायु’ ने शहरी क्षेत्र का रुख कर लिया। चीते ने स्टेडियम, कलेक्ट्रेट और ईको सेंटर होते हुए बावंदा नाले तक का सफर तय किया। इसके बाद उसकी लोकेशन बेला भीमलत गांव के पास मिली। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, चीता ने रास्ते में एक मादा स्वान और एक कुतिया का शिकार कर अपनी भूख मिटाई।
वीर सावरकर स्टेडियम के पास देखे जाने से मचा हड़कंप
मंगलवार और बुधवार की रात चीता वीर सावरकर स्टेडियम के पास देखा गया। वहां रहने वाले युसूफ खान ने बताया कि चीते का वीडियो बनाने पर दो वर्दीधारी लोगों ने उनका मोबाइल जब्त कर वीडियो डिलीट कर दिया। घटना के बाद से स्टेडियम के कर्मचारी अपने आवासों में ताला लगाकर कहीं चले गए हैं।
चीता स्टेट मध्य प्रदेश के श्योपुर में सड़कों पर रात में मस्ती से टहलता चीता #Cheeta @VistaarNews pic.twitter.com/VFGYzb03KY
— Brajesh Rajput (@drbrajeshrajput) December 25, 2024
लोगों में डर का माहौल
क्रेशर कॉलोनी की निवासी तमन्ना खान ने कहा कि चीता उनकी बस्ती के पास आ गया था। बस्ती के पास मोर डूंगरी नदी और जंगल होने के कारण लोग डरे हुए हैं। कलारना गांव के निवासी गिर्राज आदिवासी ने बताया कि उन्होंने चीते को उनकी कुतिया का शिकार करते देखा।
चीते के लौटने की उम्मीद
कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों ने जंगल में ‘अग्नि’ और ‘वायु’ नाम के दो चीतों को छोड़ा था। ये दोनों चीते भाई हैं और हमेशा साथ रहते हैं। पहली बार दोनों अलग हुए हैं और अलग-अलग दिशाओं में निकल गए। अब उम्मीद की जा रही है कि दोनों एक-दूसरे की तलाश करते हुए कूनो के जंगल में वापस लौट आएंगे।
कूनो प्रबंधन पर उठे सवाल
चीता ‘वायु’ की शहरी इलाके में मौजूदगी ने कूनो प्रबंधन की निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वन विभाग की ट्रैकिंग टीम फिलहाल चीते पर नजर बनाए हुए है और उसे वापस सुरक्षित जंगल में पहुंचाने की कोशिश कर रही है।