नई दिल्ली। बिहार के छपरा की मेयर राखी गुप्ता इस पद के लिए अपनी पात्रता को चुनौती देते हुए कानूनी लड़ाई में फंस गई हैं। राज्य चुनाव आयोग ने उनके चुनावी हलफनामे में विसंगतियों पर चिंता जताते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया। आयोग की जांच के बाद उन्हें मेयर पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया। इसके जवाब में राखी गुप्ता ने न्याय और बहाली की मांग को लेकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
राखी गुप्ता ने दिसंबर 2022 में छपरा नगर निगम चुनाव के दौरान मेयर पद पर अपनी जीत हासिल की। हालाँकि, बाद में पता चला कि उनके चुनावी हलफनामे में उनके तीन बच्चों में से केवल दो का ही जिक्र था। इस रहस्योद्घाटन ने 2007 के बिहार नगर पालिका अधिनियम के अनुपालन पर सवाल उठाए, जो चुनाव दाखिलों में पारिवारिक विवरण का पूरा खुलासा अनिवार्य करता है।
छपरा रजिस्ट्री कार्यालय से प्राप्त आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, राखी गुप्ता के हलफनामे में उनके तीसरे बच्चे का कोई जिक्र नहीं था। इस विसंगति ने राज्य चुनाव आयोग को मामले की गहन जांच शुरू करने के लिए प्रेरित किया। आयोग के निष्कर्षों के कारण राखी गुप्ता को मेयर पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया।