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Chhath Puja: उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही 4 दिन का छठ पर्व हुआ खत्म, नदियों के किनारे उल्लास के दिखे नजारे

छठ का पर्व मूल रूप से बिहार का है। यूपी के पूर्वांचल में भी तमाम लोग इसे मनाते हैं। इसके अलावा भारत के करीब हर शहर में बसे बिहार और पूर्वांचल के लोग इसे मनाते हैं। छठ के पर्व को विदेश में बसे भारतीय भी काफी श्रद्धा और उल्लास से हर साल मनाते हैं। इस साल भी 4 दिन के इस पर्व को मनाने के लिए उत्साह था।

नई दिल्ली। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही 4 दिन का छठ पर्व आज समाप्त हो गया। उगते सूर्य को देखने और पूजा करने के लिए देशभर की नदियों के अलावा मुंबई और चेन्नई में समुद्र किनारे व्रती महिलाओं और उनके परिजनों की भीड़ उमड़ पड़ी। नहाय खाय के साथ छठ व्रत की शुरुआत हुई थी। जिसके बाद खरना हुआ था। महिलाओं ने तीन दिन तक बिना कुछ खाए या पानी पीए इस व्रत को रखा। इसे बहुत कठिन व्रत माना जाता है। पीढ़ी दर पीढ़ी में महिलाएं छठ के व्रत को करती हैं और परिजनों के सुखी जीवन की कामना इस दौरान की जाती है।

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छठ का पर्व मूल रूप से बिहार का है। यूपी के पूर्वांचल में भी तमाम लोग इसे मनाते हैं। इसके अलावा भारत के करीब हर शहर में बसे बिहार और पूर्वांचल के लोग इसे मनाते हैं। छठ के पर्व को विदेश में बसे भारतीय भी काफी श्रद्धा और उल्लास से हर साल मनाते हैं। इस साल भी 4 दिन के इस पर्व को मनाने के लिए उत्साह था। बिहार से दिल्ली तक और हिमाचल से सुदूर तमिलनाडु तक व्रतियों ने सूर्यदेव की उपासना के लिए छठ का व्रत रखा। इस दौरान छठी मैया के गीत घर-घर गाए गए।

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अब आपको दिखाते हैं छठ पर्व के समापन के मौके पर देश के अलग-अलग हिस्सों की तस्वीरें। कैसे यहां व्रती महिलाएं और उनके परिजन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए तड़के ही नदियों के किनारे पहुंचे और आरती और मंत्रों के उच्चारण के साथ इस साल के इस महापर्व को मनाया।