नई दिल्ली। हरियाणा में ओबीसी वर्ग के कल्याण और युवाओं को सरकारी नौकरियों में बड़ा लाभ देने के लिए आज मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह ने घोषणाओं का पिटारा खोल दिया। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि हरियाणा में आज के दिन नौकरियों में पिछड़े वर्गों के आरक्षण के अंदर, क्रीमिलेयर की वार्षिक आय सीमा सभी स्रोतों से 6 लाख रुपये है। हरियाणा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग से विचार उपरांत अब प्रदेश सरकार की नौकरियों में यह क्रिमिलेयर बढ़ाकर 8 लाख रुपये वार्षिक की जाएगी। भारत सरकार की तर्ज पर इस आय में वेतन और कृषि से आय को शामिल नहीं किया जाएगा, जिससे लाखों लोगों को लाभ होगा।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि ग्रुप-ए और ग्रुप-बी के पदों में पिछड़े वर्गों का आरक्षण 15 प्रतिशत है। अब इसे केंद्र सरकार की तर्ज पर 15 प्रतिशत से बढाकर सभी पिछड़े वर्गों के लिए 27 प्रतिशत किया जाएगा। इसके अलावा, नौकरियों में पिछड़ा वर्ग-ए और बी के बैगलॉग को प्राथमिकता के आधार पर भरा जाएगा। इसके लिए विशेष भर्ती अभियान चलाने की तैयारी की जा रही है।
उन्होंने ओबीसी वर्ग के युवाओं को रोजगार सहज ढंग से मिले, इसके लिए हरियाणा कौशल रोजगार निगम में भी नियुक्ति के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण देने की बात भी कही।
मुख्यमंत्री सोमवार को गुरुग्राम में ओबीसी मोर्चा सर्व समाज समरसता सम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गर्व की बात है कि ओबीसी समाज के हितों की रक्षा के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी पूरी तरह से सजग हैं। उन्होंने कहा कि ओबीसी वर्ग के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित नहीं रखा जा रहा है और केंद्र व प्रदेश सरकार निरंतर योजनाओं को क्रियान्वित करते हुए ओबीसी वर्ग को पूरा मान-सम्मान देने का काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि विगत 10 वर्षों में हरियाणा प्रदेश में ओबीसी समाज के हर स्तर पर लाभ पहुंचाने में सरकार ने अपना दायित्व निभाया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी की सोच ‘सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास व सबका प्रयास’ के साथ योजनाओं से समाज के अंतिम व्यक्ति तक को जोड़ने का काम करते हुए लोगों को सशक्त बनाया है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने न केवल ओबीसी वर्ग बल्कि देश के पिछड़े इलाकों को आकांक्षी जिला घोषित कर सर्वांगीण विकास की दिशा में सार्थक कदम बढ़ाए हैं और हरियाणा का नूंह जिला केंद्र सरकार की आकांक्षी योजना में शामिल किया गया है जिसके तहत निरंतर विकास योजनाएं उक्त जिला में प्रदान की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा ओबीसी समाज के बच्चों को बेहतर गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के लिए उन्हें 12 हजार रुपए से 20 हजार रुपए तक छात्रवृत्ति प्रदान करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है। ओबीसी वर्ग के लोगों के कौशल विकास पर भी सरकार पूरा फोकस कर रही है और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भगवान विश्वकर्मा योजना के तहत समाज के लोगों के लिए 18 ट्रेड में प्रशिक्षण देने के लिए 13 हजार करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है। साथ ही इस योजना के तहत ओबीसी वर्ग के लोग अपने पारंपरिक कार्यों के प्रति आगे बढ़ सकें इसके लिए कल्याणकारी योजना चलाई है।
उन्होंने बताया कि योजना के अनुरूप प्रशिक्षण के दौरान ओबीसी वर्ग के लोगों को 500 रुपए प्रति दिन की आर्थिक सहायता भी प्रदान की जा रही है व कोर्स पूरा होने के उपरांत 15 हजार रुपए की किट भी प्रशिक्षणार्थियों को दिए जाने का प्रावधान है।
उन्होंने खुशी जताई कि केंद्र व प्रदेश सरकार ने अपने पिछले दस साल के कार्यकाल में जितना लाभ ओबीसी वर्ग को दिया है उतना पूर्व की विपक्ष की सरकार द्वारा कभी भी नहीं दिया गया। प्रदेश सरकार ने दस साल के कार्यकाल में ओबीसी वर्ग को पूरा मान-सम्मान देते हुए हर वर्ग के उत्थान में अहम भागीदारी निभाई है।
इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री रणबीर गंगवा, ओबीसी मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष कर्णदेव कंबोज, राज्यसभा सांसद श्री रामचंद्र जांगड़ा, ओबीसी मोर्चा के पदाधिकारी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।