![Akshardham: प्रमुख स्वामी जी महाराज की जन्म शताब्दी समारोह में बच्चों को सिखाए जाएंगे मैनेजमेंट के गुर, बसाई गई है ‘बाल नगरी’, 5 लाख बच्चे करेंगे शिरकत](https://hindi.newsroompost.com/wp-content/uploads/2022/11/pramukh-swami-1-1000x600.jpg)
अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद में अगले महीने से अक्षरधाम के प्रमुख स्वामी जी महाराज की जन्म शताब्दी समारोह है। इसमें बच्चे भी शामिल होंगे। बच्चों को यहां आध्यात्म के साथ ही मैनेजमेंट के गुर भी सिखाए जाएंगे। उनको मैनेजमेंट का लीडर बनाया जाएगा। इसके लिए बाल नगरी यानी चिल्ड्रेन एडवेंचरलैंड बनाया गया है। यहां देशभर से आए बच्चे अपनी क्षमता दिखाएंगे। बता दें कि प्रमुख स्वामी महाराज ने बच्चों के बीच सामाजिक और आध्यात्मिक गतिविधियों के रूप में समाज को अमूल्य उपहार दिया है। साल 1954 में महाराज ने बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था में बच्चों की गतिविधियों की स्थापना की थी।
इस काम को प्रमुख स्वामी जी महाराज ने लगातार कोशिश कर आगे बढ़ाया। प्रमुख स्वामी महाराज ने बच्चों के लिए समय निर्धारित किया। साथ ही बच्चों को जीवन जीने और अपने माता-पिता का सम्मान करने के लिए प्रेरित किया। साल 1992 और 1995 में बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था ने बड़े उत्सवों में बच्चों को अपनी क्षमताओं को प्रदर्शन करने का मौका भी दिया था। देशभर से यहां आकर हर हफ्ते 10000 बच्चों ने सेवा करते हुए बाल नगरी को बनाया है। उम्मीद है कि शताब्दी समारोह के दौरान 5 लाख बच्चे आएंगे। यहां बच्चे ही अन्य बच्चों और उनके पैरेंट्स को पैरेंटिंग टिप्स देंगे। साथ ही बताएंगे कि घर पर कैसा व्यवहार करें और बच्चों को कैसे संस्कार दें।
प्रमुख स्वामीजी महाराज नगर में 17 एकड़ ‘बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था बाल नगरी’ लगाई गई है। स्वामी जी का संदेश बच्चों की ओर से यहां आने वाले बच्चों, युवाओं और श्रद्धालुओं को देने के लिए बाल नगरी बनाई गई है। ताकि उनका जीवन बेहतर बनाया जा सके। बाल नगरी निर्माण की रूप रेखा दो साल पहले शुरू की गई थी। यहां इसका निर्माण जुलाई 2022 से चल रहा था। अब ये पूरी हो चुकी है।
बाल नगरी की खासियत
बाल स्नेही उद्यान- बाल नगरी के दो मुख्य प्रवेश द्वारों पर ‘बाल स्नेही’ उद्यान का निर्माण किया गया है। प्रमुख स्वामीजी महाराज ने हमेशा बच्चों के लिए समय निकाला है। यही वजह है कि BAPS स्वामीनारायण संस्था विश्वभर में होने के बावजूद पूरी तरह आध्यात्मिक है। जिस तरह प्रमुख स्वामी जी महाराज बच्चों की देखभाल और स्नेह करते थे, उसी तरह महंत स्वामी महाराज ने भी उनकी देखभाल की है। बाल स्नेही उद्यान प्रमुख स्वामी जी महाराज और महंत स्वामी जी महाराज को शत-शत नमन करने के लिए बना है।
संदेश देती पशुओं की मूर्तियां
बाल नगरी के चारों कोनों में बच्चों के साथ जानवरों की बड़ी मूर्तियां आगंतुकों का स्वागत करेंगी। ये मूर्तियां संदेश भी देंगी। गैंडा यानी ‘मजबूत बनो लेकिन शांत रहो’। इसी तरह हाथी यानी ‘शक्ति प्राप्त करें लेकिन शाकाहार को बनाए रखें’। जिराफ यानी ‘अपने विचारों को महान ऊंचाइयों पर ले जाएं’ और शेर मतलब ‘अपनी आंतरिक शक्ति का पता लगाएं और साहसी बनें’।
प्रेरक विभूतियों की प्रतिमाएं
यहां पर प्रेरक विभूतियों की मूर्तियां भी होंगी। भारतीय विरासत से आठ मूर्तियां बाल नगरी में लगाई गई हैं। इनमें ध्रुव, प्रह्लाद, भरत, श्रवण, मीराबाई, शबरी, गार्गी और सीताजी आगंतुकों को ईश्वर-केंद्रित, वीर, लक्ष्य-उन्मुख, अधीन, भक्तिमय, ज्ञान देने के लिए प्रेरित करेंगी। इनमें से हर एक मूर्ति का वजन 1,200 से 1,500 किलोग्राम है। एक कहानी पर आधारित ‘शेरूज ग्रेट एस्केप’ नाम की प्रदर्शनी लगाई गई है। इस प्रदर्शनी का मुख्य संदेश गुरु में विश्वास विकसित करना और खुद की तलाश करना है। यानी सच्ची शक्ति और अपने असली रूप को पहचानना है।
सोने का सागर
प्रमुख स्वामी महाराज अक्सर सफलता के बारे में एक संदेश साझा करते थे, ‘प्रार्थना+परिश्रम यानी सफलता’। अगर कोई किसी भी क्षेत्र में किसी भी कार्य में निरंतर प्रार्थनाऔर पूर्ण प्रयास करता है, तो उसकी सफलता तय है। ये कहानी बाल नगरी में ‘स्वर्ण द गोल्ड फिश’ नामक प्रदर्शनी में बताई जाएगी।
संदेश बोर्ड
प्रत्येक प्रदर्शनी के बाहर संदेश बोर्ड लगाए गए हैं। वे इस प्रकार हैं। कड़ी मेहनत के चैंपियंस: यहां, प्रेरक प्रमुख के उदाहरण हैं, जिन्होंने कड़ी मेहनत की है। उनके जीवन में प्रगति और दुनिया को बेहतर बनाने के लिए काम दिखाया जाएगा। वहीं, ‘थैंक यू टू माय डियर पेरेंट्स’ में कर्ज के बारे में प्रेरक संदेश दिया गया है। यहां बताया गया है कि अपने माता-पिता के प्रति हम आभार कैसे जता सकते हैं।