
नई दिल्ली। कोरोना के इस दौर में भारतीय वैक्सीन की उपयोगिता पर सवाल खड़े करने वालों को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश एनवी रमना ने बड़ी हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी मातृभूमि, मातृभाषा और मातृदेशम का सम्मान करना चाहिए। सीजेआई ने कहा कि, भारतीय वैक्सीन के खिलाफ कई कंपनियां काम कर रही हैं, लेकिन उन्हें इसमें सफलता नहीं मिल पाई है। उन्होंने यह भी कहा कि अब तक आए कोरोना के 19 वैरिएंट पर भारतीय वैक्सीन बिल्कुल कारगर हैं, लिहाजा वैक्सीन की उपयोगिता पर सवाल उठाने वाले लोगों को अपने बयानों पर विराम देना चाहिए। बता दें कि उन्होंने भारत निर्मित वैक्सीन पर उक्त बयान पुरुस्कार समाहोर 2020-21 के दौरान दिए। सीजेआई द्वारा दिया गया उक्त बयान अभी खासा चर्चा में है। खासकर ऐसे में जब कई लोगों ने भारत निर्मित वैक्सीन की उपयोगिता पर सवाल खड़े किए। जिसे लेकर लोगों में इसे लेकर भ्रम व संशय की स्थिति पैदा हो गई। अब जब खुद सीजेआई की तरफ ऐसे बयान सामने आए हैं, तो जाहिर है कि लोगों में इसे लेकर पैदा हुई संशय के बादल पूरी तरह से छटेंगे। बता दें कि विगत गुरुवार को हैदराबाद में डॉ. रामिनेनी फाउंडेशन यूएसए द्वारा आयोजित एक मेगा पुरस्कार समारोह भारत बायोटेक के एमडी कृष्णा एला और कई अन्य लोगों को उनकी मेधावी सेवाओं के लिए डॉ रामिनेनी फाउंडेशन पुरस्कार प्रदान किया गया।
भारत बायोटेक पर सीजेआई की टिप्पणी
इसके अलावा भारत बायोटेक के बारे में सीजेआई ने अपनी टिप्पणी में कहा कि, भारत बायोटेक नवाचार के लिए खड़ा है। हम तकनीक के मामले में दुनिया में अग्रणी हैं। मुझे हमारे समाज के प्रति उनके प्रयासों के लिए सभी प्रेरक व्यक्तित्वों को पुरस्कार प्रदान करते हुए खुशी हो रही है।”
भारत में कोरोना की स्थिति
हालांकि, पहले की तुलना में कोरोना के खिलाफ अपनी जंग को धार देने के लिए भारत ज्यादा धारदार हथियार मौजूद हैं, लेकिन अभी जिस तरह ओमीक्रॉन का कहर बढ़ता जा रहा है, उसे लेकर भारत को पहले की तुलना में अब सतर्क रहने की आवश्यकता नहीं है। लिहाजा, ओमीक्रॉन के बढ़ते कहर को ध्यान में रखते हुए केंद्र समेत राज्य सरकारें विभिन्न प्रकार के कदम उठा रही हैं। कहीं नाइट कर्फ्यू लगाया जा रहा है, तो कहीं पाबंदियां कड़ी की जा रही है।