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Uttar Pradesh: अलग अलग रूम्स बनने से बाधित नहीं होंगी कक्षाएं,पठन-पाठन में होगा सुधार

Uttar Pradesh: अधिकांश परिषदीय के विद्यालयों में दो से लेकर तीन क्लास रूम्स ही होतें हैं। जबकि उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में यह संख्या थोड़ी अधिक होती है। इनमें एक कक्ष तो प्रधानाध्यापक/ प्रशासनिक कार्यों और उच्चतर में एक कमरा लिपिकीय कार्यों के लिए इस्तेमाल होते हैं। ऐसे में सभी कक्षाओं के लिए रूम उपलब्ध न होने से कक्षाएं सुचारु रूप से नही चल पातीं हैं।

नई दिल्ली। परिषदिय विद्यालयों के कायाकल्प में जुटी योगी सरकार ने इन विद्यालयों के आधारभूत ढांचे में व्यापक सुधार की तैयारी की है । सरकार अगले पाँच वर्षों में प्रत्येक कक्षा के लिए न्यूनतम एक क्लास रूम की स्थापना करेगी । इससे एक साथ सभी कक्षाओं का शुचारु रूप से संचालन हो सकेगा। विद्यार्थियों को कैंपस में पेड़ के नीचे अथवा खुले में पढ़ने से निजात मिलेगी। साथ ही विद्यालय और छात्र /छात्राओं की सुरक्षा के लिए मनरेगा के बाउंड्री वाल का निर्माण कराया जाएगा। अभी तक प्रायः अधिकांश परिषदीय के विद्यालयों में दो से लेकर तीन क्लास रूम्स ही होतें हैं। जबकि उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में यह संख्या थोड़ी अधिक होती है। इनमें एक कक्ष तो प्रधानाध्यापक/ प्रशासनिक कार्यों और उच्चतर में एक कमरा लिपिकीय कार्यों के लिए इस्तेमाल होते हैं।

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ऐसे में सभी कक्षाओं के लिए रूम उपलब्ध न होने से कक्षाएं सुचारु रूप से नही चल पातीं हैं। ज्यादातर प्राथमिक विद्यालयों में उपलब्ध एक या दो कमरों में ही सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों को बैठाने की मजबूरी होती है। लिहाजा शिक्षक खुले में अथवा पेड़ के नीचे कक्षाएं लेते हैं। प्रतिकूल और खराब मौसम में तो खुले में कक्षाएं भी संभव नही होती हैं। ऐसे में पढ़ाई बाधित होती है। इसको देखते हुए योगी सरकार ने अगले पाँच सालों में प्रत्येक कक्षा के लिए न्यूनतम एक कमरा बनाने की कार्ययोजना तैयार की है । सभी कक्षाओं के लिए अलग अलग कमरों की व्यवस्था के बाद पठन-पाठन की सुविधा में व्यापक सुधार आएगा।

इसी क्रम में योगी सरकार ने परिषदीय विद्यालयों की सुरक्षा के लिए बाउंड्री वाल बनाने की कार्ययोजना तैयार की है। बाउंड्रीवाल का निर्माण मनरेगा के तहत कराया जाएगा। उल्लेखनीय है कि बाउंड्रीवाल के अभाव विद्यालयों के साथ पढ़ने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा होगी और स्कूल की जमीन से अनाधिकृत कब्जे भी रूकेंगे।