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Uttarakhand: ‘खुद हटाए अतिक्रमण, वरना…’, जिम कार्बेट पार्क में बने अवैध मजारों को लेकर CM धामी ने दी कड़ी चेतावनी

Uttarakhand: मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया है कि अब तक 1 हजार से भी ज्यादा जगहों को सर्वेक्षण कराया गया है, जहां अवैध मजारे बनाई गई है। सीएम धामी इन अवैध मजारों को हटाने के लिए 6 माह का समय दिया गया है।

नई दिल्ली। उत्तराखंड का जिम कार्बेट नेशनल पार्क सुर्खियों में है। दरअसल, पार्क में जानवरों से ज्यादा मजारों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिस पर संज्ञान लेने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त रुख अख्तियार किया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान दो टूक कह दिया है कि स्वत: पार्क में बनाए गए सभी मजारों को ध्वस्त करें, अन्यथा सरकार की तरफ से इस दिशा में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्क का आलम यह है कि यहां जानवरों से ज्यादा मजारों की संख्या है। लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि इस पार्क के अंदर जाने की इजाजत पर्यटकों के अलावा और किसी को नहीं है, तो फिर लोगों को कैसे बड़ी संख्या में मजार बनाने की इजाजत मिली?

CM Dhami

जाहिर है कि इस पूरे खेल में अंदर का कोई शख्स भी शामिल है, जिसकी शह पर मजारों को बनाया जा रहा है। उधर, पार्क में मजारों की बड़ी संख्या को ध्यान में रखते हुए यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मजारों को बनाने का यह खेल काफी लंबे समय से चला आ रहा है, लेकिन सरकार अब ही क्यों जागी ? आखिर अब ही क्यों मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से इसका संज्ञान लिया गया? सरकार इतने समय से क्या कर रही थी? उधर, कुछ लोगों का दावा है कि मीडिया में अतिक्रमण के खिलाफ चलाई गई खबरों को संज्ञान में लेने के बाद सीएम धामी की ओर इस पर कड़ा रुख अख्तियार किया गया है।

मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि अब तक 1 हजार से भी ज्यादा जगहों का सर्वेक्षण कराया गया है, जहां अवैध मजारे बनाई गई हैं। सीएम धामी ने इन अवैध मजारों को हटाने के लिए 6 माह का समय दिया है। साथ ही यह स्पष्ट कर दिया गया है कि अगर तय समय तक मजारों को ध्वस्त नहीं किया गया, तो सरकार की ओर से इस पर कड़ा रुख अख्तियार किया जाएगा। पार्क में स्थित मजारों का रंग-रोगन कराया गया है। काफी संख्या में लोग यहां पहुंच भी रहे हैं। सरकार के मुताबिक, यह क्षेत्र आरक्षित है, लेकिन इसके बावजूद भी लोग यहां पहुंच रहे हैं।

यहां देखिए वीडियो

पार्क में सुरक्षाकर्मी भी तैनात रहते हैं, लेकिन अब उनका भी ढुलमुल रवैया सामने आ रहा है। अब तक 102 मजारों को सरकार की ओर से ध्वस्त किया जा चुका है और आगे भी यह कवायद जारी रहेगी। बताया जा रहा है कि मजारों में मानव शव भी नहीं हैं। सभी मजारें खाली पड़ीं हैं। जिसे ध्यान में रखते हुए यह सवाल उठना लाजिमी है कि जब इन माजरों में मानव शव ही नहीं हैं, तो इसे बनाने का औचित्य क्या बनता है? उधर, अधिकारी भी पूरे मामले को लेकर स्पष्ट तरीके से कुछ भी बताने के लिए तैयार नहीं हैं। सभी एक-दूसरे के पाले में गेंद फेंकते हुए नजर आ रहे हैं। उधर, सीएम धामी के उक्त बयान के बाद प्रदेश में राजनीतिक हलचल भी तेज हो चुकी है।

हालांकि, अभी तक कांग्रेस या किसी दल की ओर से कोई भी बयान जारी नहीं किया गया है। ध्यान रहे कि इससे पहले उत्तराखंड के हल्द्वानी में अतिक्रमण को लेकर प्रदेश की राजनीति का पारा अपने चरम पर पहुंच चुका था। विशेष समुदाय के लोगों पर रेलवे की जमीन को कब्जा करके घर बनाने का आरोप था। वहीं जब मामला कोर्ट पहुंचा, तो उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रेलवे की जमीन पर बसे लोगों को घर खानी करने का निर्देश दिया। इसके बाद इस निर्देश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया, तो कोर्ट ने हाईकोर्ट के निर्देश को पलट दिया। जिस लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच खूब वाकयुद्ध भी हुआ था। बहरहाल, अब जिम कार्बेट पार्क का मुद्दा गरमा गया है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।