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Joshimath Sinking: जोशीमठ मामले में CM धामी का बड़ा आदेश, स्थायी पुनर्वास केंद्र बनाने को कहा

Joshimath Sinking: इस बैठक के बाद सीएम धामी ने जोशीमठ मामले में बड़ा आदेश दिया है। सीएम धामी ने तत्काल सुरक्षित स्थान पर एक बड़ा अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाने को कहा। जिससे जिन लोगों के घरों में दरारें पड़ी है उनको वहां पर शिफ्ट जा सके। जोशीमठ में सेक्टर और जोनल लेवल पर तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए गए है।

नई दिल्ली। उत्तराखंड का जोशीमठ इन दिनों सुर्खियों में हैं। अचानक से देवभूमि के इस शहर में लोगों के घरों में दरार पड़ गई है। इतना ही नहीं सड़कें भी धंस गई। जगह-जगह पर दीवार चीरकर पानी निकल रहा है। जिसके बाद वहां के लोग दहशत में जीने को मजबूर है। इसके अलावा जिन लोगों के घरों में दरार आ गई है। वह लोग अपना छोड़कर दूसरे जगह जाने को मजबूर हैं। सोशल मीडिया पर कई वीडियो और फोटो सामने आ चुके है। लेकिन इन तस्वीरें के आने के बाद कई सवाल खड़ हो गए है कि क्या ये शहर खत्म होने जा रहा है? क्या कुदरत से खिलवाड़ करना देवभूमि को चुकाना पड़ेगा? इन सभी सवालों के जवाब की तलाश में आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाई लेवल बैठक की।

इस बैठक के बाद सीएम धामी ने जोशीमठ मामले में बड़ा आदेश दिया है। सीएम धामी ने तत्काल सुरक्षित स्थान पर एक बड़ा अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाने को कहा। जिससे जिन लोगों के घरों में दरारें पड़ी है उनको वहां पर शिफ्ट जा सके। जोशीमठ में सेक्टर और जोनल लेवल पर तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए गए है। तत्काल डेंजर जोन को खाली करवाया जाए और जोशीमठ में अविलंब आपदा कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए। स्थाई पुनर्वास के लिए पीपलकोटी और गौचर सहित अन्य स्थानों पर सुरक्षित जगह तलाशी जाए। कम प्रभावित क्षेत्रों में भी तत्काल ड्रेनेज प्लान तैयार कर काम शुरू हो। सहायता शिविरों में सभी जरूरी सुविधाएं हों।

जिलाधिकारी और प्रशासन स्थानीय लोगों से निरंतर सम्पर्क में रहें। सम्भावित डेंजर जोन भी चिन्हित कर लिये जाएं। समय पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाना जरूरी है। इस संबंध में सैटेलाइट इमेज भी उपयोगी हो सकती हैं। सभी विभाग टीम भावना से काम करे तभी हम लोगों की बेहतर ढंग से मदद करने में सफल होंगे। सीएम धामी ने कहा कि जोशीमठ का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व है। यहां पर किये जाने वाले तात्कालिक महत्व के कार्यों को आपदा प्रबंधन नियमों के तहत सम्पादित करने की व्यवस्था बनायी जाय। ऐसे समय में लोगों की आजीविका भी प्रभावित न हो इसका भी ध्यान रखा जाय। लोगों की आपदा मद से जो भी मदद हो सकती है वह की जाय। उन्होंने प्रभावितों की मदद के लिये एसडीआरएफ तथा एनडीआरएफ की पर्याप्त व्यवस्था करने तथा आवश्यकता पड़ने पर हेली सेवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मानसून से पहले जोशीमठ में सीवरेज ड्रेनेज आदि के कार्य पूर्ण कर लिए जाए।

बता दें कि एक्सपर्ट की टीम जोशीमठ पहुंची हुई है जो हालातों और स्थिति को समझने की कोशिश कर रही है। प्रशासन की टीम भी लगातार ऐसे लोगों को घरों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है। सबसे ज्यादा कहर मारवाड़ी इलाके में देखा जा रहा है जो कही न कही खतरे की घंटी भी है। जोशीमठ शहर में भूस्खलन का असर यहां आने वाले सैलानियों पर भी देखने को मिल रहा है।