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Jaipur: CM गहलोत और उनके मंत्रियों ने किया हिन्दू धर्म का अपमान! पंडितजी नीचे और खुद आसन पर विराजमान; फोटो पर संग्राम

Rajasthan: पंडित जी उनको पूजन की माला पहनाने के लिए आगे बड़े तो उन्होंने पंडित जी के हाथ से ही माला छीनकर पास खड़े मंत्री शांति धारीवाल को पहना दी और फिर पंडित द्वारा उनको पूजा का भोग देने लगे तो वो उसे भी जल्दबाजी में नजरअंदाज कर निकल गए। कार्यक्रम के फोटो मुख्यमंत्री के अपने ट्विटर अकाउंट पर अपलोड किए गए हैं।

राजस्थान। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को जयपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मानसिंह अस्पताल में बनने जा रहे आईपीडी टावर एवं ह्रदय रोग संस्थान का भूमि पूजन एवं शिलान्यास हिन्दू रीति के अनुसार किया। इस शिलान्यास एवं भूमिपूजन कार्यक्रम में उनके साथ कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा भी मौजूद रहे। लेकिन इस पवित्र कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री गहलोत, कैबिनेट मंत्री धारीवाल एवं परसादी लाल मीणा समेत सभी उपस्थित गण हिन्दू धर्म की रीतियों का सम्मान करते नहीं दिखे। पूजन के दौरान सूबे के मुख्यमंत्री, कैबिनेट मिनिस्टर के साथ उपस्थित सभी लोग ऊपर पुरे समय गद्दे पर बैठे नजर आये जबकि पूजन करवाने वाले पंडित जी का आसान नीचे रहा। इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शिलान्यास करने के से पूर्व पंडित द्वारा उनके मस्तक पर तिलक लगाते समय भी हिन्दू रीति अनुसार ना तो सर पर कोई वस्त्र रखते नजर आये ना ही हाथ रखते बल्कि वो नीची गर्दन करके हाथ बंधे बैठे रहे और तो और जब पूजन करने के समय शगुन के लिए बिछाया गया सीमेंट एवं शिलान्यास के लिए जो ईंट उन्होंने नींव में रखी वो भी गद्दे पर बैठे-बैठे ही रख दी, उसके लिए भी उन्होंने जरा भी ससम्मान,आदरपूर्वक प्रकट नहीं किया।

अंत में एक जब पंडित जी उनको पूजन की माला पहनाने के लिए आगे बड़े तो उन्होंने पंडित जी के हाथ से ही माला छीनकर पास खड़े मंत्री शांति धारीवाल को पहना दी और फिर पंडित द्वारा उनको पूजा का भोग देने लगे तो वो उसे भी जल्दबाजी में नजरअंदाज कर निकल गए। कार्यक्रम के फोटो मुख्यमंत्री के अपने ट्विटर अकाउंट पर अपलोड किए गए हैं।

हिन्दू धर्म के जानकारों का कहना है कि हिन्दू धर्म के अनुसार पूजन एवं पाठ के समय तिलक करवाते समय सर के पीछे हाथ या सर पर रुमाल रखना आवश्यक होता है साथ ही पूजन के बाद भोग को ससम्मान लेना भी पूजा का अत्यन्त जरूरी भाग होता है। अशोक गहलोत एवं अन्य मंत्रियों शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान किया गया यह आचरण राजस्थान में चर्चा का विषय बना हुआ है।