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VIDEO: सीएम गहलोत ने धनखड़ से पूछा, ‘ममता दीदी पर ऐसा क्या जादू कर दिया आपने कि उन्होंने…

सीएम ने कहा कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के तौर पर जगदीप धनखड़ और ममता बनर्जी के रिश्ते बेहद तल्ख रहे। इसके बावजूद ममता बनर्जी ने विपक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति पद की प्रत्याशी मारग्रेट अल्वा के पक्ष में मतदान नहीं करने का निर्णय ले लिया था। इसके साथ ही उन्होंने अपने पूर्व के राजनीतिक घटनाक्रमों का जिक्र किया।

नई दिल्ली। राजनीतिक गलियारों में नेताओं द्वारा किसी विशेष प्रसंग के संदर्भ में दिए गए बयान खासा सुर्खियों में रहते हैं। अब इसी कड़ी में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के संबंधों को लेकेर जिस तरह की टिप्पणी की है, वह खासा सुर्खियों में है। दरअसल, सीएम अशोक गहलोत ने धनखड़ से कहा कि, ‘आखिर आपने ममता दीदी पर ऐसा क्या जादू कर दिया था कि उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग नहीं करने का निर्णय ले लिया।

सीएम ने कहा कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के तौर पर जगदीप धनखड़ और ममता बनर्जी के रिश्ते बेहद तल्ख रहे। इसके बावजूद ममता बनर्जी ने विपक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति पद की प्रत्याशी मारग्रेट अल्वा के पक्ष में मतदान नहीं करने का निर्णय ले लिया था। इसके साथ ही उन्होंने अपने पूर्व के राजनीतिक घटनाक्रमों का जिक्र किया। जब मै 1973 में पहली बार एनएसयूआई का अध्यक्ष बना तभी से मेरे धनखड़ परिवार से रिश्ते रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उपराष्ट्रपति बनने पर सबसे पहले मैंने ही ट्वीट कर बधाई दी थी। उन्होंने आगे कहा कि इस बीच सीपी जोशी ने मुझे दो बार यहां आने का अवसर दिया।

Jagdeep Dhankar: राजस्थान के गांव से उप राष्ट्रपति भवन तक, आखिर क्यों चौंकाते रहे हैं जगदीप धनखड़ - jagdeep dhankhar journey from village of rajasthan to vice president house - Navbharat Times

यह मेरे लिए भावुक क्षण है। संसदीय लोकतंत्र आज बहुत बड़ी चुनौती है। बेहद कठिन समय आ गया है। प्रजातांत्रिक मूल्यों पर क्रूर प्रहार हो रहे हैं। जनप्रतिनिधियों की कार्यशैली जनता के अनुकूल होनी चाहिए। हम आज ऐसे युग में है, जहां कोई सीक्रेट नहीं है। बता दें कि उपराष्ट्रपति के पद पर काबिज होने से पूर्व धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे। लेकिन, राज्यपाल रहने के दौरान उनके रिश्ते ममता बनर्जी के साथ हमेशा ही कटु रहे, लेकिन इस कटुता के बीच यह देखा गया कि केंद्र की मोदी सरकार ने हमेशा ममता ही सपोर्ट किया।