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मंच पर ममता बनर्जी नहीं बजा पाई शंख, तो लोग बोले- होने वाला है अपशगुन

West Bengal: स्वतंत्रता सेनानी और आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की शनिवार को  125वीं जयंती है। इस अवसर पर आज कोलकाता में मुख्य कार्यक्रम होगा। एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ समारोह को संबोधित करेंगे। वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) इस मौके पर कोलकाता में पदयात्रा कर रही हैं।

नई दिल्ली। स्वतंत्रता सेनानी और आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की शनिवार को  125वीं जयंती है। इस अवसर पर आज कोलकाता में मुख्य कार्यक्रम होगा। एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ समारोह को संबोधित करेंगे। वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) इस मौके पर कोलकाता में पदयात्रा कर रही हैं। बता दें कि इस साल बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले है जिसको लेकर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। वहीं नेताजी की जयंती के बहाने बंगाल की सियासत गरमाई हुई है।

Mamata Banerjee

इसी कड़ी में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125 वीं जयंती के अवसर पर कोलकाता के श्याम बाज़ार से रेड रोड तक मार्च की शुरुआत की। पदयात्रा को शुरू करने पहले ममता बनर्जी ने मंच से शंख बजाया। हालांकि वह शंख नहीं बजा सकी। वहीं शंख ना बजा पाने के कारण वह सोशल मीडिया पर ट्रोल हो गई। उनका यह वीडियो ट्विटर पर तेजी से वायरल हो रहा है।

लोगों ने उड़ाया ममता बनर्जी का जमकर मजाक

एक यूजर ने सीएम ममता की खिल्ली उड़ाते हुए लिखा, सायरन बजाया गया क्योंकि आयोजकों को पता था दीदी से शंख नहीं बजने वाला,सायरन की आवाज़ में छुप जाएगा पर वो शंख पर हाथ मार कर सब गड़बड़ कर दी।

 

नेताजी एक सच्चे नायक थे, जो एकता में विश्वास रखते थे : ममता

इससे पहले सुभाष चंद्र बोस को उनकी 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में श्रद्धांजलि देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि नेताजी एक सच्चे नायक थे और सभी लोगों की एकता में विश्वास रखते थे। मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा, “हम देश नायक दिवस दिबस के तौर पर इस दिन को मना रहे हैं। वह लोगों की अखंडता पर यकीन रखते थे।”

Mamata Banerjee

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य भर में एक कमेटी का गठन किया है ताकि 23 जनवरी, 2022 तक इस दिन का जश्न मनाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा, “राजारहाट में आजाद हिंद फौज के नाम से एक स्मारक का निर्माण किया जाएगा। नेताजी के नाम से एक विश्वविद्यालय की भी स्थापना की जाएगी, जो पूरी तरह से राज्य द्वारा वित्तपोषित होगा और विदेशी विश्वविद्यालयों संग इसका करार भी होगा।”