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Bihar: भागलपुर में पुल गिरने की घटना का CM नीतीश ने लिया संज्ञान, दिया जांच का आदेश

Bihar: आज से एक साल पहले भी यह पुल इसी तरह गिरी थी। तब विपक्ष में नेता तेजस्वी  यादव ने सरकार पर जमकर हमला बोला था, लेकिन अब जब उनके पास बाकायदा पथ निर्माण विभाग है, तो हैरानी इस बात को लेकर हो रही है कि अभी तक उनका इस पर कोई रिएक्शन तक सामने नहीं आया है।

नई दिल्ली। रविवार को बिहार के भागलपुर में सुल्तानपुर और खगड़ियां को आपस में जोड़ने वाली पुल ताश के पत्तों की तरह भरभराकर गिर पड़ी। जिसका वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में दिख रहा मंजर काफी खौफनाक नजर आ रहा है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। उधर इस हादसे के बाद बिहार में राजनीति तेज हो चुकी है। बीजेपी नेता तारकिशोर प्रसाद ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। वहीं, नीतीश कुमार ने मामले को संज्ञान में लेने के बाद जांच के निर्देश दे दिए हैं। अब जांच संपन्न होने के बाद इसकी क्या कुछ सच्चाई निकलकर सामने आती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कि जब यह निर्माणाधीन पुल इस तरह से भरभराकर गिरी हो।

बता दें कि आज से एक साल पहले भी यह पुल इसी तरह गिरी थी। तब विपक्ष में नेता तेजस्वी  यादव ने सरकार पर जमकर हमला बोला था, लेकिन अब जब उनके पास बाकायदा पथ निर्माण विभाग है, तो हैरानी इस बात को लेकर हो रही है कि अभी तक उनका इस पर कोई रिएक्शन तक सामने नहीं आया है। इस पुल के निर्माण में 1700 करोड़ से भी अधिक की राशि व्यय की जा चुकी है। इस पुल के निर्माण की जिम्मेदारी सिंगला एंड सिंगल कंपनी को दी गई है। चिंता इस बात को लेकर भी है कि इस कंपनी को बिहार में निर्माणाधीन अन्य पुलों की जिम्मेदारी भी दी गई है। ऐसी सूरत में कंपनी की कार्यशैली पर सवाल उठना लाजिमी है, लेकिन अभी तक कंपनी पर किसी भी प्रकार का सवाल नहीं दागा गया है, लेकिन सियासत जरूर  तेज हो चुकी है। बता दें कि मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव पथ निर्माण विभाग को पुल के सुपर स्ट्रक्चर टूटकर गिरने की घटना की विस्तृत जांच कराने और दोषियों को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। उधर  बिहार  बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की है। सम्राट चौधरी ने कहा कि यह सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है। इसमें अगर कोई दोषी है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। वहीं अगर नीतीश कुमार में थोड़ी भी नैतिकता बची है, तो अब उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

वहीं,  इस पुल के ध्वस्त होने से कहीं किसी को अपनी जान तो नहीं गंवानी पड़ी है? यह सवाल लगातार लोगों के जेहन में है, लेकिन इसका जवाब अभी तक किसी के भी पास नहीं है।  हादसे को लेकर कई पहलू सामने आ रहे हैं, जहां कुछ लोग दावा कर रह हैं  कि इस हादसे में किसी की भी जान नहीं गई है, तो वहीं कुछ लोगों का दावा है कि कई लोगों की जान गई है, लेकिन आपको बता दें कि अभी तक सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है ।