नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के शुक्रवार को बड़ा बयान दिया है। जिसके एक बार फिर महाराष्ट्र में सियासत तेज हो गई है। दरअसल सीएम ठाकरे ने एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता रावसाहेब दानवे को भावी सहयोगी कहकर संबोधित किया गया। इसके बाद से ही राजनीति के गलियारों में शिवसेना और भाजपा के फिर साथ आने की अटकलें तेज होने लगी है। बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी की पुरानी सहयोगी दल रहा है। भले ही दोनों दल अलग हो गए हो लेकिन कई बार दोनों पार्टियां साथ में गठबंधन को लेकर लगातार खबरे भी सामने आती रही है। मगर इस बार तो खुद उद्धव ठाकरे ने शिवसेना-भाजपा गठबंधनों की अटकलों को हवा दे दिया।
दरअसल, सीएम ठाकरे औरंगाबाद में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान मंच में केंद्रीय मंत्री राव साहेब भी मौजूद थे। संबोधन के दौरान उद्धव ठाकरे ने दानवे की ओर इशारा करते हुए कहा कि, मंच पर बैठे ये हमारे पूर्व सहयोगी हैं और भविष्य में अगर साथ आते हैं तो भावी सहयोगी हैं। अब ठाकरे के इस बयान से कयास लगाए जाने लगे है कि क्या शिवसेना और भाजपा के बीच क्या सुलह हो गया है। क्या राज्य में एक बार फिर शिवसेना और भाजपा सरकार बनाने जा रही है।
वहीं भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे के इस बयान पर प्रतिक्रिया दी। फडणवीस ने कहा कि यदि वे इस गठबंधन के सहयोगियों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो ये उनका अच्छा एहसास है। इस सरकार के नाम पर काफी भ्रष्टाचार है।
इससे पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की थी इसके बाद प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया था। इस मुलाकात के बाद जिस तेवर में सीएम उद्धव ठाकरे ने मीडिया के सामने जवाब दिया था उसने महाराष्ट्र के महा विकास अघाड़ी सरकार की परेशानी बढ़ा दी थी।