नई दिल्ली। संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अब शासकीय प्रेस विज्ञप्तियां अब संस्कृत भाषा में भी जारी की जाएगी। इसके पहले इस तरह की प्रेस विज्ञप्तियां हिंदी, अग्रेजी और उर्दू में जारी होती थी। लेकिन अब सीएम योगी के निर्देश के बाद अब इस तरह के नोट संस्कृत भाषा में भी जारी की जाएगी। बता दें कि इसकी शुरुआत हो भी चुकी है। कोरोना को लेकर हुए सीएम योगी की अनलॉक रिव्यू मीटिंग को संस्कृत भाषा में भी जारी किया गया है। बता दें कि इसके लिए विभाग ने दो संस्कृत भाषा के अधिकारियों की तैनाती भी की है। सरकार की ओर से हिंदी व अंग्रेजी में पहले से ही नियमित प्रेस नोट जारी होते हैं। हालांकि प्रयोग के तौर पर पहले भी संस्कृत के प्रेस नोट जारी हुए थे, लेकिन अब यह काम नियमित तौर पर किया जाएगा।
सीएम योगी ने साल 2019 में संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए संस्कृत में भी प्रेस नोट जारी किए जाए जाने के निर्देश दिए थे। इसके पीछे उनका मकसद था कि इससे संस्कृत भाषा को बढ़ावा मिलेगा और संस्कृत के विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन होगा।
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी के निर्देशानुसार शासकीय प्रेस विज्ञप्तियां अब संस्कृत भाषा में भी निर्गत की जाएंगी।
मुख्यमंत्री जी द्वारा कोविड-19 के दृष्टिगत प्रतिदिन की जा रही समीक्षा बैठक की आज की संस्कृत भाषा में निर्गत प्रेस विज्ञप्ति.. pic.twitter.com/601r7dGLYV
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 26, 2020
इसको लेकर सीएम ऑफिस ने अपने ट्वीट में लिखा, ”मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार अब शासकीय प्रेस विज्ञप्तियां संस्कृत भाषा में भी जारी की जाएंगी। इसके बाद सूचना विभाग ने कोविड-19 के मुद्दे पर मुख्यमंत्री द्वारा की गई बैठक का प्रेस नोट शनिवार को संस्कृत भाषा में जारी किया गया।” आपको बता दें कि इसके संस्कृत भाषा के दो जानकारों की नियुक्ति भी की गई है जो सरकारी प्रेस विज्ञप्तियों को संस्कृत भाषा में लिखेंगे।