
नई दिल्ली। लखनऊ कोर्ट परिसर में गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की अधिवक्ता के भेष में आए हमलावर ने गोली मारकर हत्या कर दी। हमलावर द्वारा किए गए इस फायरिंग की जद में आकर एक बच्ची और एक सिपाही के भी घायल होने की खबर है। वहीं इस हत्याकांड के बाद अधिवक्ताओं में रोष है। पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था और प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस हत्याकांड पर सपा प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ‘प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ चुकी है. हमें लगता है कि प्रदेश का इंजन और केंद्र के इंजन में सामंजस्य नहीं है। क्या दिल्ली और लखनऊ में इंजन टकरा रहे हैं? प्रदेश में सबसे ज्यादा महिलाएं राजधानी लखनऊ में असुरक्षित हैं। उत्तर प्रदेश की अगर कानून-व्यवस्था देखें तो पीछे मुड़कर देखना चाहिए। आखिरकार लगातार कार्यवाहक डीजीपी क्यों?’ अखिलेश यादव ने आगे कहा कि ‘रोज खबरे मिलती हैं। बस्ती में एफआईआर लिखाने को जनता सड़कों पर वकील की घर के बाहर हत्या, क्या इन्हें लॉ एंड आर्डर की घटनाएं नहीं दिख रहीं ? क्या ऐसे कानून चलेगा? सवाल ये है कि किस स्थान पर हत्या हो रही, जो सबसे सुरक्षित जगह मानी जाती वहां हत्या हो रही है।’
इस हत्याकांड के बाद योगी सरकार सवालों के घेरे में आ चुकी है। इस बीच मामले की जांच के लिए योगी सरकार की तरफ से तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है, जिसमें एडीजी टेक्निकल मोहित अग्रवाल, ज्वाइंट सीपी नीलाब्जा चौधरी और आईजी अयोध्या प्रवीण कुमार को शामिल किया गया है। इस हत्याकांड के बाद योगी सरकार ने फौरन मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। इसके अलावा एसआईटी को एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। उधर, हमलावर की पहचान कर ली गई है। हमलावर का नाम विजय यादव बताया जा रहा है, जो कि जौनपुर का रहने है। पुलिस हमलावर के घर पहुंच चुकी है।
बताया जा रहा है कि हमलावर के परिजनों से पूछताछ की जाएगी। ध्यान दें कि हमलावर द्वारा वारदात को अंजाम देने के बाद मौके पर मौजूद अधिवक्ताओं ने उसे पकड़कर खूब पीटा था। इसके बाद उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है और पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि आखिर उसने क्यों संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को मारा? ध्यान दें कि आज से 50 दिन पहले माफिया ब्रदर्स अतीक और अशरफ को भी मीडियाकर्मियों के भेष में आए हमलावरों ने पुलिस अभिरक्षा में ही मौत के घाट उतार दिया था। उस वक्त भी योगी सरकार सवालों के घेरे में आ गई थी।
वहीं, संजीह माहेश्वरी उर्फ जीवा की बात करें, तो उसके खिलाफ 22 मुकदमे दर्ज थे। जिसमें से उसे 17 मामलों में बरी किया जा चुका था। इससे पहले सरकार की तरफ से उसकी 5 करोड़ की संपत्ति को भी जब्त किया जा चुका था। 2017 के विधानसभा चुनाव में संजीव महेश्वरी की पत्नी पायल महेश्वरी ने मुजफ्फरनगर सीट से राष्ट्रीय लोक दल की टिकट पर चुनाव भी लड़ा था। संजीव कृष्णानंद राय और बीजेपी नेता बृह्मम दत्त द्विवेदी की हत्या के मामले में आरोपी था। बृह्मम दत्त द्विवेदी हत्या मामले में संजीव को उम्रकैद की सजा भी सुनाई गई थी।