UP News: CM योगी ने किया आगरा मेट्रो के फर्स्ट लुक का वर्चुअल लोकार्पण, डिपो के अंदर पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपड़ के भी दिए निर्देश

UP News: आगरा मेट्रो की ट्रेनें पटरियों के समानांतर चलने वाली तीसरी रेल से अपनी ऊर्जा प्राप्त करेंगी। उनका कोई पारंपरिक ओएचई (ओवरहेड इक्विपमेंट) नहीं होगा जो आमतौर पर पक्षियों की आवाजाही, पतंगों के उड़ने आदि के कारण बाधित हो जाता है। तीसरी रेल प्रणाली इनमें से कोई भी समस्या पैदा नहीं करेगी और ट्रेन संचालन अधिक कुशल होगा।

Avatar Written by: August 8, 2022 8:33 pm
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नई दिल्ली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को आगरा मेट्रो डिपो का निरीक्षण किया और आगरा मेट्रो के फर्स्ट लुक का वर्चुअल लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री योगी इससे पहले पिछले साल कानपुर मेट्रो का भी इसी तरह डिजिटल लोकार्पण कर चुके हैं। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने 15 बटालियन पीएसी में बने आगरा मेट्रो रेल डिपो में पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपण का संदेश दिया। इस अवसर पर आगरा मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के मैनेजिंग डायरेक्टर यूपीएमआरसी सुशील कुमार ने कहा, ‘आगरा मेट्रो के कोच गुजरात के सावली में बने हैं। यह भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल की दिशा में बड़ी उपलब्धि है। 87 कोच आगरा मेट्रो रेल परियोजना यानी 3 कोच वाले 29 रोलिंग स्टॉक (मेट्रो ट्रेनें) को सुपुर्द किए जाने हैं। इन ट्रेनों को 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के लिहाज से डिजाइन किया गया है। समय की बचत और समय पर रोलिंग स्टॉक की डिलीवरी को सुनुश्चित करने के लिए यूपीएमआरसी ने कानपुर और आगरा मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए रोलिंग स्टॉक व सिग्नलिंग के लिए एकीकृत अनुबंध किया था।’

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अल्ट्रा मॉडर्न रोलिंग स्टॉक की खासियत

-यह एटीपी/एटीओ (आटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन एंड आटोमैटिक ट्रेन आपरेशन) मोड से लैस है, जो अल्ट्रा-मॉडर्न और लगभग पूरी तरह से स्वचालित है, जिससे ट्रेन को ‘परिवहन का बुद्धिमान मोड’ बना दिया है।
-आपातकाल दरवाजेः रोलिंग स्टॉक ट्रेन में आग सहित किसी भी आपात स्थिति में यात्रियों की अच्छी तरह से निकासी सुनिश्चित करने के लिए आपातकालीन निकासी की सुविधा।
-क्रैश से जुड़े फीचरः रोलिंग स्टॉक कार कप्लर्स प्रदान करता है जो दुर्घटना की स्थिति में यात्रियों को चोट की गंभीरता को कम करता है।

तीसरी पटरी डीसी ट्रैक्शन सिस्टम

आगरा मेट्रो की ट्रेनें पटरियों के समानांतर चलने वाली तीसरी रेल से अपनी ऊर्जा प्राप्त करेंगी। उनका कोई पारंपरिक ओएचई (ओवरहेड इक्विपमेंट) नहीं होगा जो आमतौर पर पक्षियों की आवाजाही, पतंगों के उड़ने आदि के कारण बाधित हो जाता है। तीसरी रेल प्रणाली इनमें से कोई भी समस्या पैदा नहीं करेगी और ट्रेन संचालन अधिक कुशल होगा।

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रीजनरेटिव ब्रेकिंग का उपयोग

आगरा मेट्रो की ट्रेनें अपने स्वयं के ब्रेकिंग सिस्टम से ऊर्जा उत्पन्न करेंगी। इलेक्ट्रिक मोटर का उपयोग मेट्रो ट्रेनों में ब्रेक लगाने के लिए किया जाता है जिससे बदले में ऊर्जा का रीजेनरेशन हो सकता है, जिसे आगे ट्रेन संचालन के लिए उपयोग किया जा सकता है।

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