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“नमामि गंगे परियोजना” की सफलता से सीएम योगी गदगद, गंगा जी में एक डॉल्फिन को देख कही ये बात

Uttar Pradesh Ganga: सीएम योगी(CM Yogi) ने कहा कि, “हमारी पवित्र नदियां संस्कृति एवं जीवन की पोषक हैं। मा. प्रधानमंत्री(PM Modi) जी की प्रेरणा से जन सहभागिता के द्वारा जीवन, जीविका एवं संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन हेतु हमने “नदी संस्कृति” को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया है।

लखनऊ। शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पवित्र नदी गंगा की सफाई को लेकर काफी संतोषजनक भाव में दिखे। टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित ‘जल गोष्ठी’ कार्यक्रम में सीएम योगी ने नमामि गंगे परियोजना को लेकर कहा कि, वाराणसी में जहां पर पहले गंगा जी में डुबकी लगाने से कुछ ही देर में पूरे शरीर में लाल चकत्ते पड़ जाते थे, नदीं में जलीय जीव लगभग समाप्त हो चुके थे, वहां मैंने कल(27 नवंबर), अपनी आंखों से गंगा जी की सफाई और उसमें जलीय जीव की वापसी को देखा, इससे मेरा मन काफी खुश है। बता दें कि सीएम योगी ने गंगा की साफ-सुथरी तस्वीर देख काफी प्रसन्न दिखे। उन्होंने जलीव जीवों की वापसी को लेकर कहा कि, यह “नमामि गंगे परियोजना” की सफलता का सूचक है।
आज के इस वाटर समिट के लिए मैं टाइम्स समूह को हृदय से धन्यवाद देता हूं।

CM Yogi TOI

उन्होंने ‘जल गोष्ठी’ कार्यक्रम में कहा कि, अपनी आंखों से गंगा जी में एक डॉल्फिन को फिर से तैरते हुए देख कर मन प्रफुल्लित हो गया। यह “नमामि गंगे परियोजना” की सफलता का सूचक है। सीएम योगी ने आगे कहा कि, जल को जीवन का प्रतिरूप मानते हुए विगत 03 वर्षों से जन जागरूकता हेतु अपने कार्यक्रम को प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ाता टाइम्स समूह का यह प्रयास अत्यंत सराहनीय है। सभी को इससे प्रेरणा प्राप्त करनी चाहिए।

Yogi CM UP

इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि, “हमारी पवित्र नदियां संस्कृति एवं जीवन की पोषक हैं। मा. प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से जन सहभागिता के द्वारा जीवन, जीविका एवं संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन हेतु हमने “नदी संस्कृति” को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया है। यह योगी सरकार की जल संरक्षण के प्रति कटिबद्धता का परिचायक है।”

Modi Ganga

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि, “जीवनदायिनी नदियों की अविरलता एवं निर्मलता की सुनिश्चितता हेतु आदरणीय प्रधानमंत्री जी के निर्देशन में पिछले 6 वर्षों में सर्वप्रथम संचालित ‘नमामि गंगे परियोजना’ अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में सफल सिद्ध हो रही है। यह “नदी संस्कृति” के पुनरुद्धार हेतु प्रभावकारी पहल है।”