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Snowfall In Himalayas: गर्म कपड़े निकालने की कर लीजिए तैयारी, पहाड़ों पर बर्फबारी हो गई है शुरू; मौसम विभाग के मुताबिक इस बार कड़ाके की सर्दी से होगा सामना

Snowfall In Himalayas: जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग और सोनमर्ग समेत ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने की खबर है। इसके अलावा मैदानी इलाकों में हल्की बारिश भी हुई है। इससे जम्मू-कश्मीर में कई जगह तापमान गिर गया है। केंद्र शासित प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की भी संभावना बन रही है।

नई दिल्ली। इस साल मौसम विभाग ने भीषण गर्मी और औसत से ज्यादा बारिश की भविष्यवाणी की थी। मौसम विभाग की ये दोनों ही भविष्यवाणी सटीक निकलीं। मौसम विभाग ने अब कड़ाके की सर्दी की भविष्यवाणी कर रखी है और उसका ये अनुमान भी सही साबित हो सकता है। मौसम विभाग ने कहा था कि बारिश का मौसम खत्म होने के बाद पश्चिम विक्षोभ सक्रिय हो सकते हैं। पश्चिमी विक्षोभ के कारण पहाड़ी इलाकों में जबरदस्त बर्फबारी हो सकती है और इससे पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक कड़ाके की ठंड का सामना लोगों को करना होगा। ऐसे में बेहतर यही है कि आप ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े निकालना शुरू कर दीजिए।

कड़ाके की ठंड वाली मौसम विभाग की ये भविष्यवाणी सही हो सकती है। जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग और सोनमर्ग समेत ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने की खबर है। इसके अलावा मैदानी इलाकों में हल्की बारिश भी हुई है। इससे जम्मू-कश्मीर में कई जगह तापमान गिर गया है। मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि अगले 48 घंटे में कश्मीर के इलाके में कई जगह हल्की बारिश हो सकती है। इसके साथ ही ऊंचाई वाले इलाकों में और बर्फ गिरने के भी आसार हैं। पहाड़ी इलाकों में जितनी बर्फ गिरेगी, उतना ही मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ेगी। एक से दो दिन में जम्मू-कश्मीर में पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय होने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण ही अक्टूबर से फरवरी तक पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और बारिश देखने को मिलती है।

बारिश का दौर खत्म होने के बाद प्रदूषण के कम होने के कारण मैदानी इलाकों में अभी उमस का सामना लोगों को करना पड़ रहा है, लेकिन आने वाले एक से दो हफ्ते में मैदानी इलाकों में भी तापमान गिरने की संभावना है। ला नीना के प्रभाव के कारण इस साल नवंबर से ही कंपाने वाली सर्दी की शुरुआत हो सकती है। कोहरा छाने की भी संभावना है और उससे गलन वाली सर्दी होगी। पिछले साल यानी 2023 के दिसंबर से इस साल मार्च तक कड़ाके की ठंड का सामना लोगों को करना पड़ा था।