
अनंतनाग। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों और उनके हिमायतियों की कमर तोड़ने का सिलसिला जारी है। ताजा एक्शन आतंकियों का समर्थन करने वाले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता काजी यासिर पर हुआ है। अनंतनाग प्रशासन ने काजी यासिर की व्यावसायिक संपत्ति के एक हिस्से पर बुलडोजर चला दिया है। इससे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बीते दिनों श्रीनगर में हुर्रियत के दफ्तर को अटैच कर लिया था। हुर्रियत के नेता अपने संगठन के गठन के बाद से ही भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। इसके नेता रहे सैयद अली शाह गिलानी भी जिंदा रहने तक पाकिस्तान परस्ती का राग गाते रहे। हुर्रियत के नेताओं पर अब ठोस और सख्त कार्रवाई हो रही है।
HURRIYAT LEADER’S PROPERTY DEMOLISHED#Hurriyat Leader #QaziYasir‘s shopping complex was partially demolished in Anantnag, J&K. @SaahilSuhail reports pic.twitter.com/MMi6iMTBqK
— Mirror Now (@MirrorNow) February 2, 2023
बीते कुछ अर्से में जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों की घटनाओं में इजाफा हुआ था। प्रवासी मजदूर और कश्मीरी पंडितों की टारगेट किलिंग की तमाम घटनाएं हुई थीं। जिसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कई बार श्रीनगर गए थे। दिल्ली में भी जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा को बुलाकर उन्होंने बड़ी बैठक की थी। इन बैठकों में अमित शाह ने सुरक्षाबलों को हर हाल में कश्मीर के आतंकियों और उनके मददगारों की कमर तोड़ने का निर्देश दिया था। जिसके बाद से ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी आ गई है।
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों की कार्रवाई में आतंकवादी भी लगातार मारे जा रहे हैं। पिछले साल 200 के करीब आतंकियों को जहन्नुम भेजा जा चुका है। इसके अलावा आतंकियों की हथियार और रेकी कर मदद करने वाले ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) की भी ताबड़तोड़ गिरफ्तारी चल रही है। जम्मू-कश्मीर से जुड़े संविधान के अनुच्छेद 370 के खात्मे और इसे केंद्र शासित क्षेत्र बनाए जाने के बाद पथराव की घटनाएं पूरी तरह बंद हो गई हैं। आने वाले दिनों में कश्मीर घाटी में अमन चैन पूरी तरह वापस आने के आसार दिख रहे हैं। यहां अब 1990 के दशक से चल रहा आतंक का वातावरण खत्म होने की राह पर है।