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One Nation One Election: ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर सक्रिय समिति, विधि अधिकारियों ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से की मुलाकात

One Nation One Election: पूर्व राष्ट्रपति के साथ विधि अधिकारियों की कई मसलों पर विस्तार से वार्ता हुई है, जिन्हें अब जमीन पर उतारने की कवायद शुरू हो चुकी है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर आगामी दिनों में क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं।

नई दिल्ली। मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए ऐसा लग रहा है कि केंद्र सरकार आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व एक देश एक चुनाव की प्रणाली को जीवंत करने का मन बना चुकी है। इसके लिए जहां केंद्र सरकार ने पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है, तो वहीं अब विधि मंत्रालय के अधिकारी मुलाकातों का सिलसिला शुरू कर चुके हैं। बता दें कि आज इसी संदर्भ में विधि मंत्रालय के कई अधिकारियों ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। जिसमें कानून सचिव नितेन चंद्रा, विधायी सचिव रीता वशिष्ठ और अन्य अधिकारी शामिल हैं। वहीं नितेन चंद्रा उच्च स्तरीय समिति के सचिव हैं।

बताया जा रहा है कि पूर्व राष्ट्रपति के साथ विधि अधिकारियों की कई मसलों पर विस्तार से वार्ता हुई है, जिन्हें अब जमीन पर उतारने की कवायद शुरू हो चुकी है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने बीते शनिवार को वन नेशन वन इलेक्शन को धरातल पर उतारने की दिशा में 6 सदस्यीय समिति का गठन किया था।

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इसके अलावा समिति में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, एनके सिंह, सुभाष कश्यप, हरीश साल्वे और संजय कोठारी का नाम शामिल है। वहीं, अधीर रंजन चौधरी ने समिति से अपना नाम वापस ले लिया है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में कहा कि मुझे समिति में शामिल होने में कोई हर्ज नहीं है, लेकिन मुझे इस बात की आशंका है कि कहीं सरकार इस समिति का दुरुपयोग  लोकतांत्रिक प्रणाली और मूल्यों को क्षति पहुंचाने के लिए ना करे। वहीं कांग्रेस ने समिति में राष्ट्रीय अध्य़क्ष मल्लिकार्जुन खरगे को शामिल नहीं किए जाने को लेकर भी अपनी नाराजगी जाहिर की।

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बता दें कि बीते दिनों केंद्र सरकार ने संसद का विेशेष सत्र आहूत किया, जिसमें एक देश एक चुनाव और महिला आरक्षण विधेयक को पेश किए जाने की बात कही, लेकिन विपक्षी खेमे की ओर से एक देश एक चुनाव को लेकर विरोधी बयार बह रही है।