नई दिल्ली। हर राजनीतिक पार्टी को चंदा मिलता है। प्राथमिक सदस्य बनने के लिए 5 रुपए देने होते हैं। 20000 रुपए तक कैश चंदा पार्टी को दिया जा सकता है। इसके अलावा इलेक्शन बॉण्ड के तहत बैंकों में कोई भी जितना धन चाहे, अपनी पसंदीदा पार्टी के खाते में जमा करा सकता है, लेकिन इस तरह चंदा हासिल करने में नाम और पहचान गुप्त रखी जा सकती है। ऐसे ही अज्ञात स्रोत से पार्टियां चंदा हासिल करती हैं। अब खबर ये है कि अज्ञात स्रोत से सबसे ज्यादा चंदा हासिल करने वाली पार्टी कांग्रेस है। वो भी तब, जबकि कांग्रेस ही लगातार इलेक्शन बॉण्ड के खिलाफ आवाज उठाती रही है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ADR ने राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों को 2004-05 और 2020-21 के बीच अज्ञात स्रोतों से आय के बारे में चुनाव आयोग और इनकम टैक्स रिटर्न के हवाले से ताजा रिपोर्ट जारी की है। एडीआर के मुताबिक साल 2020-21 में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों ने इस तरह अज्ञात स्रोतों से 690.67 करोड़ रुपए जुटाए। इनमें राष्ट्रीय दलों को 426.74 और क्षेत्रीय दलों को 263.928 करोड़ का चंदा मिला। एडीआर के मुताबिक साल 2020-21 में कांग्रेस को अज्ञात स्रोतों से सबसे ज्यादा 178.782 करोड़ का चंदा मिला। ये राष्ट्रीय दलों की कुल आय का 41.89 फीसदी है। वहीं, बीजेपी को अज्ञात स्रोतों से 100.502 करोड़ की आय हुई। क्षेत्रीय दलों में वाईएसआर कांग्रेस को 96.2507 करोड़, डीएमके को 80.02 करोड़, बीजेडी को 67 करोड़, एमएनएस को 5.773 करोड़ और आम आदमी पार्टी AAP को 5.4 करोड़ की आय अज्ञात स्रोतों से हुई।
एडीआर की रिपोर्ट कहती है कि साल 2004-05 और 2020-21 के बीच कूपन की बिक्री से कांग्रेस और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी NCP की कुल आय 4261.83 करोड़ रही। कई पार्टियों के ऑडिट और योगदान रिपोर्ट में गड़बड़ी की ओर भी एडीआर की रिपोर्ट इंगित करती है। इन 7 दलों में सीपीआई, आप, शिरोमणि अकाली दल, तृणमूल कांग्रेस, एआईयूडीएफ, केरल कांग्रेस मणि और एआईएफबी शामिल हैं।