बेंगलुरु। कर्नाटक में सिद्धारामैया के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार सत्तारूढ़ हो गई है। शनिवार को सीएम पद की शपथ लेने के बाद सिद्धारामैया ने कैबिनेट की बैठक की। इस बैठक में चुनाव से पहले कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की तरफ से जो 5 वादे किए गए थे, उनको लागू करने की मंजूरी दी गई है। 5 वादों के तहत हर परिवार को हर महीने 200 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी, घर की महिला मुखिया को हर महीने सरकार 2000 रुपए देगी। बेरोजगार युवाओं को 300 से 1500 रुपए अगले 2 साल तक दिए जाएंगे। हर गरीब परिवार को प्रतिमाह 10 किलो मुफ्त चावल मिलेगा और कर्नाटक की महिलाओं को सरकारी बसों में मुफ्त सफर का पास जारी किया जाएगा।
सीएम सिद्धारामैया ने कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया से कहा कि हर हाल में इन योजनाओं को हम लागू करेंगे। हालांकि, इन 5 वादों को पूरा करने के लिए सरकारी खजाने पर भारी-भरकम बोझ पड़ने वाला है। मौजूदा हालात में कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को 5 वादे पूरे करने के लिए 50000 करोड़ रुपए की एक साल में जरूरत होगी। ये पैसा किस तरह आएगा, इसपर सवाल उठ रहे हैं। माना जा रहा है कि तमाम टैक्स में बढ़ोतरी भी सरकार कर सकती है। इससे लोगों पर बोझ पड़ जाएगा।
कर्नाटक में अभी कांग्रेस ने पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने के बारे में कुछ नहीं कहा है। अगर ये भी लागू हुआ, तो राज्य सरकार को और धन की जरूरत पड़ेगी। तब उसे 5 वादे और पुरानी पेंशन स्कीम के तहत रकम मिलाकर 1 लाख करोड़ से भी ज्यादा की जुगाड़ करनी होगी। कर्नाटक सरकार का बजट करीब 3 लाख करोड़ का रहता आया है। अब मुफ्त की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए उसे बजट आवंटन भी बढ़ाना होगा। इससे दूसरी योजनाओं पर काफी दबाव आने के भी आसार हैं।