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Modi Matter: सोनिया और राहुल की कांग्रेस पर पकड़ हो रही कमजोर, ये रहा उसका सबूत

इसका सबूत हैं कांग्रेस के नेताओं के ताजा बयान। ये बयान एक जमाने में राहुल गांधी के राजनीतिक गुरु के तौर पर मशहूर दिग्विजय सिंह, पार्टी के प्रवक्ता उदित राज और पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने दिए हैं।

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में लगी सेंध के बाद ये भी अब साफ हो रहा है कि कांग्रेस के नेता अपने ही आलाकमान यानी कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को कुछ नहीं समझ रहे। पार्टी चलाने वाले सोनिया और राहुल की पकड़ अब अपने ही नेताओं पर नहीं रह गई है। इसका सबूत हैं कांग्रेस के नेताओं के ताजा बयान। ये बयान एक जमाने में राहुल गांधी के राजनीतिक गुरु के तौर पर मशहूर दिग्विजय सिंह, पार्टी के प्रवक्ता उदित राज और पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने दिए हैं। इनके बयानों पर आप नजर डालेंगे, तो साफ हो जाएगा कि आलाकमान की मर्जी के बगैर ये नेता अपनी राह चल रहे हैं।

मोदी की सुरक्षा में सेंध के बाद ये खबर आई थी कि सोनिया गांधी ने चन्नी से कहा है कि जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई हो, लेकिन अब तक ये कार्रवाई होती नहीं दिखी है। उल्टे चन्नी ने मोदी के बारे में अपशब्द तो कहे ही, अब देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के बयान के हिस्से को ट्वीट करके मोदी को कमजोर नेता भी बता दिया है। चन्नी ने जो ट्वीट किया है, उससे साफ हो गया है कि मोदी के मसले पर वो सोनिया के आदेश को भी ताक पर रख चुके हैं।

अब बात करते हैं दिग्विजय सिंह की। मोदी की सुरक्षा चूक के मामले में दिग्विजय लगातार ट्वीट कर रहे हैं। अब उन्होंने एक और ट्वीट किया है और मोदी पर निशाना साधते हुए पूरे मामले को नौटंकी करार दिया है। दिग्विजय ने इससे पहले भी इस पूरे मामले में मोदी पर निशाना साधने वाले ट्वीट किए थे।

अब बात करते हैं बीजेपी से कांग्रेस में जाकर वहां प्रवक्ता पद पर बैठे पूर्व सांसद और दलित नेता उदित राज की। उदित राज ने भी ट्वीट कर मोदी की सुरक्षा में सेंध को नौटंकी करार दिया है। उदित राज यहीं नहीं रुके। उन्होंने ये आरोप भी लगाया है कि मोदी ने 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने के लिए पुलवामा कांड कराया था। कुल मिलाकर ये सारे ट्वीट दिखा रहे हैं कि मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर कांग्रेस आलाकमान की लगातार चुप्पी से कांग्रेस के नेताओं को अपनी मनमर्जी करने का मौका मिल गया है। सवाल ये भी उठता है कि कहीं आलाकमान यानी सोनिया और राहुल जानबूझकर इन नेताओं को ऐसी बयानबाजी करने की छूट तो नहीं दे रहे ?