नई दिल्ली। कांग्रेस आलाकमान बहुत संकट में है। बुधवार को उत्तराखंड में उसके बड़े नेता हरीश रावत ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि कांग्रेस आलाकमान और उसके करीबियों से उन्हें सहयोग नहीं मिल रहा है। अब पार्टी के दो सांसद मनीष तिवारी और शशि थरूर ने पार्टी के तौर-तरीकों पर आवाज उठाते हुए निशाना साधा है। मनीष तिवारी ने अपने ट्वीट में लिखा है, “पहले असम, फिर पंजाब और अब उत्तराखंड, मामला पूरा हो गया। कोई कसर न रह जाए।” बता दें कि इससे पहले मनीष तिवारी कई बार कांग्रेस के तौर-तरीकों पर आवाज उठा चुके हैं। बीते दिनों लॉन्च हुई अपनी किताब में भी मनीष तिवारी ने लिखा था कि साल 2008 में जब मुंबई पर आतंकी हमला हुआ, तो केंद्र में तब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने हमला कराने वाले पाकिस्तान को करारा जवाब नहीं दिया था। मनीष की किताब में लिखे इस वाकये को बीजेपी ने मुद्दा बना लिया था और कांग्रेस पर आतंक के खिलाफ जोरदार कार्रवाई से बचने के आरोप लगाए थे।
FIRST ASSAM
THEN PUNJAB
NOW UTTRAKHAND…..
BHOG POORA HI PAUN GAYE
KASAR NA RAHE JAWE KOI
?@harishrawatcmuk https://t.co/yQYClbLRMB
— Manish Tewari (@ManishTewari) December 23, 2021
अब बात करते हैं कांग्रेस के एक और सांसद शशि थरूर की। थरूर ने इस बारे में एक ट्वीट किया था कि वो पार्टी में अल्पसंख्यक की तरह हैं। शशि ने कहा कि उन्होंने हमेशा पार्टी में कहा है कि किसी भी सूरत में संसद की कार्यवाही में बाधा नहीं देना चाहिए। संसद सत्र पर थरूर ने इस बारे में अपनी राय रखी थी। खास बात ये है कि थरूर को कांग्रेस चलाने वाले गांधी परिवार का करीबी माना जाता है, लेकिन उन्होंने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा है कि राजनीति और लोकतंत्र में अच्छा यही होता है कि सरकार की बात सुनी जाए और उसे बिना सुने नकारा न जाए।
‘#Congress party aware of my view that we should not disrupt, but use parliament for debate’, says Congress MP #ShashiTharoor after the conclusion of Winter Parliament session where much of the proceedings were disrupted by dharna.
Prashant with more details. pic.twitter.com/giM0YZXdJM
— TIMES NOW (@TimesNow) December 23, 2021
बता दें कि इससे पहले बुधवार को हरीश रावत ने कांग्रेस आलाकमान पर ये कहते हुए निशाना साधा था कि उत्तराखंड चुनाव में पार्टी की जीत के लिए वो जो काम कर रहे हैं, उसे आलाकमान या उसके करीबी समर्थन नहीं दे रहे हैं। गौर करने की बात है कि हरीश रावत को भी गांधी खानदान का करीबी माना जाता है। अब कांग्रेस आलाकमान ने हरीश रावत को मनाने के लिए पार्टी प्रभारी देवेंद्र यादव को जिम्मेदारी दी है, लेकिन आलाकमान के तौर-तरीकों पर ट्वीट करने के बाद से हरीश रावत से कांग्रेस आलाकमान या देवेंद्र यादव संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।