
नई दिल्ली। देश की राजनीति में बुधवार को एक बेहद बड़ा बदलाव हुआ है, एक लंबे समय (24 साल) के बाद पहली बार कांग्रेस पार्टी ने अपने परिवार से बाहर किसी व्यक्ति को कांग्रेस अध्यक्ष चुना है। कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव का नतीजा आ चुका है, जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे ने जीत हासिल की है। उन्हें कुल 7,897 वोट मिले हैं। इसके अलावा शशि थरूर को भी 1,000 से ज्यादा वोट मिले हैं। इसके बाद शशि थरूर ने अपनी हार को सहज स्वीकार कर लिया है। मल्लिकार्जुन खड़गे को लेकर माना जा रहा था कि उन्हें पार्टी हाईकमान की ओर से भी समर्थन मिला है। यही वजह है कि ज्यादातर अन्य नेताओं का समर्थन भी उन्हें ही मिला है। कर्नाटक से 9 बार विधायक रहने और कई बार सांसद रहने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे को गांधी परिवार के वफादार नेताओं में शुमार किया जाता है। एक लंबे वक्त से कांग्रेस के प्रति समर्पित भी रहे हैं।
वहीं अब इसपर कांग्रेस के बड़े नेता और अध्यक्ष पद की रेस में दूसरे स्थान पर रहे शशि थरूर ने मल्लिकार्जुन खड़गे को अपने अंदाज में बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट करके उन्हें बधाई देते हुए लिखा, ‘कांग्रेस का अध्यक्ष होना बहुत बड़ा सम्मान होने के साथ बड़ी जिम्मेदारी भी है। इस काम में वह सफल रहें। एक हजार से ज्यादा साथियों का समर्थन मिलना मेरे लिए बड़ी बात है।’
It is a great honour & a huge responsibility to be President of @INCIndia &I wish @Kharge ji all success in that task. It was a privilege to have received the support of over a thousand colleagues,& to carry the hopes& aspirations of so many well-wishers of Congress across India. pic.twitter.com/NistXfQGN1
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) October 19, 2022
आपको बता दें कि मल्लिकार्जुन खड़गे का कांग्रेस अध्यक्ष चुना जाना पार्टी में बड़े बदलाव की शुरुआत माना जा रहा है। उनके अध्यक्ष बनने के साथ ही गांधी परिवार थोड़ा पीछे पहुंच गया है, जो लगातार 24 सालों से कांग्रेस अध्यक्ष था। साल 1998 से अब तक सोनिया गांधी ही कांग्रेस अध्यक्ष थीं, जबकि बीच में दो साल के लिए 2017 से 2019 के दौरान राहुल गांधी ने यह पद संभाला था।
लेकिन राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर कोई करिश्मा नहीं कर सके। इसके बाद लोकसभा चुुनाव में हार के बाद राहुल गांधी ने पद से इस्तीफा दे दिया था। यही नहीं तभी उन्होंने साफ कर दिया था कि अब गांधी परिवार से कोई अध्यक्ष नहीं होगा। अंत तक वह इस जिद पर अड़े रहे और फिर चुनाव हुआ, जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे बहुमत के द्वारा चुना गया है।