
नई दिल्ली। मानहानि मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आज संसद सदस्यता रद्द कर दी गई। हालांकि, उनके पास इस फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने का विकल्प बचा है। अब ऐसे में वे क्या कुछ कदम उठाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी , लेकिन आपको बता दें कि कांग्रेस ने इस फैसले का विरोध किया है। कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी लगातार संसद में अडानी सहित अन्य मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार से तीखे सवाल कर रहे हैं, जिसकी वजह से उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई है। वहीं, अब राहुल की सदस्यता जाने के बाद कांग्रेस प्रेस कांफ्रेंस किया है।आइए, जानते हैं कि कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस में क्या क्या कुछ कहा।
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कांग्रेस नेता व वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार राहुल गांधी को सच बोलने की सजा दे रही है, लेकिन हम एक बात स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हम मोदी सरकार की इस तानाशाही के आगे झुकने वाले नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा कि राहुल लगातार मोदी सरकार की नीतियों के विरोध में निर्भय होकर बयान दे रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस अब इस फैसले के विरोध में कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है। सिंघवी ने कहा कि राहुल की सदस्यता जाना अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है। केंद्र सरकार लगातार संवैधानिक संस्थाओं पर हमला कर रही है। विपक्षी दलों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है।
LIVE: Congress party briefing by Shri @DrAMSinghvi and Shri @Jairam_Ramesh at AICC HQ.https://t.co/lOlaNjHSsm
— Delhi Congress (@INCDelhi) March 24, 2023
अभिषेक मनु ने आगे कहा कि राहुल गांधी की बातें उन लोगों को अच्छी नहीं लगती है, जो कि इसमें गलत पाए जाते हैं। राहुल नोटबंदी संहित अडानी मसले पर खुलकर सरकार के खिलाफ बोल रहे हैं, लेकिन उनकी आवाज को राष्ट्रवाद के नाम पर रोका जा रहा है। उनके विरोध में एक अजीबोगरीब माहौल बनाया जा रहा है। बनावटी राष्ट्रवाद के नाम पर उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस नेता यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वो कानूनी मोर्चे पर अपनी आवाज उठाएगी। बता दें कि बीते दिनों गुजरात के सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को साल 2019 में मोदी सरनेम पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। जिस पर सूरत कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी। सदस्यता रद्द होने के बाद इस बात की भी संभावना है कि वे आगामी 6 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।