नई दिल्ली। गुजरात चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। जिसमें जनता जनार्दन को रिझाने के लिए कई लोकलुभावने वादे किए गए हैं। यही नहीं, घोषणापत्र में नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम बदलने का भी वादा किया गया है। घोषणापत्र में कहा गया है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई, तो नरेंद्र मोदी स्टे़डियम का नाम बदलकर सरदार बल्लभ भाई पटेल कर दिया जाएगा। घोषणापत्र में प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने की बात कही गई है। इसके अलावा कांग्रेस द्वारा जारी किए गए घोषणापत्र में प्रत्येक गुजराती को 10 लाख रुपए की मुफ्त उपचार की सुविधा और 300 युनिट की बिजली की सुविधा का वादा किया गया है। घोषणापत्र में कहा गया है कि अगर कांग्रेस चुनाव जीतने में सफल रही, तो सभी का बकाया बिल माफ कर दिया जाएगा। सत्ता में आते ही पहले कैबिनेट बैठक में यह सभी फैसले लिए जाएंगे।
घोषणापत्र में कहा गया है कि कांग्रेस द्वारा सत्ता में आने के बाद 10 लाख युवाओं को नौकरी दी जाएगी और इसके अलावा महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण दिया जाएगा। कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद अनुबंध और आउटसोर्सिंग की व्यवस्था को भी खत्म कर दिया जाएगा। इसके अलावा बेरोजगारों को 3 हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। नौकरी में अनुबंध के सिलसिले को खत्म कर दिया जाएगा। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि सत्ता में आने के बाद सभी लड़कियों को मुफ्त पीजी दिया जाएगा ताकि उनके लिए शिक्षा सुलभ हो सकें। कांग्रेस ने कहा कि अगर पार्टी सत्ता में आई तो प्रदेश में अंग्रेजी माध्यम के 3000 स्कूल खोले जाएंगे। कांग्रेस ने कहा कि प्रदेश में आने के बाद पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल कर दिया जाएगा।
प्रदेश में कुपोषण को रोकने के लिए इंदिया गांधी की मूल योजना शुरू की जाएगी। लड़कियों के लिए उच्च शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी। स्कूलों की फीस में 25 फीसद की कटौती की जाएगी। न्याय योजना के तहत 6 हजार रुपए प्रतिमाह सभी परिवारों को दिया जाएगा, ताकि उन्हें कभी आर्थिक दुश्वारियों से ना गुजरना पड़े। दुर्घटना होने पर पार्टी की तरफ से 25 लाख रुपए आर्थिक सहायता देने का भी वादा किया गया है। कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया कि अगर पार्टी सत्ता में आने में सफल रही तो उन सभी संविदा कर्मचारियों को स्थायी कर दिया जाएगा जो पिछले 10 सालों से संविदा पर कार्यरत हैं।
बहरहाल, जनता जनार्दन को रिझाने की दिशा में कांग्रेस की तरफ से वादों की झड़ी तो लगा दी गई है, लेकिन अब देखना होगा कि सत्ता में आने के बाद कांग्रेस की तरफ से कितने वादे पूरे हो पाते हैं। फिलहाल सूबे का सियासी तापमान अपने चरम पर है। ऐसे में आगामी दिनों में सत्ता का ऊंट किस करवट बैठता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। आपको बता दें कि प्रदेश में दो चरणों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। पहले चरण के चुनाव 1 दिसंबर और दूसरे चरण के लिए पांच दिसंबर और नतीजों की घोषणा आगामी सात दिसंबर को होगी। फिलहाल चुनाव प्रचार का सिलसिला जारी है। सभी दल प्रदेश की जनता को रिझाने की दिशा में एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। ऐसी स्थिति में आगामी दिनों में सत्ता का ऊंट किस करवट बैठता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।