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Amar Jawan Jyoti: अमर जवान ज्योति पर राहुल गांधी ने शुरू कर दी घटिया राजनीति तो पूर्व सैनिकों ने पीएम के फैसले का समर्थन कर विपक्ष की कर दी बोलती बंद

Amar Jawan Jyoti : 1971 के युद्ध में हिस्सा ले चुके आर्मी के पूर्व डेप्युटी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) बीएस यादव ने भी अमर जवान ज्योति को शिफ्ट करने करने के फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, ‘जब हमारी सरकार ने हमारे योद्धाओं और जवानों की याद में तात्कालिक तौर पर अमर ज्योति के तौर पर स्मारक बनाने की आज्ञा दी थी। उस वक्त हमारा युद्ध स्मारक नहीं था।

नई दिल्ली। तो हर मसले को सियासी जामा पहनाकर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की जुगत में जुटे इन विपक्षी कुनबों को आज जिस तरह देश के पूर्व वीर सैन्यकर्मियों ने आईना दिखाया है, वो यकीनन काबिल-ए-तारीफ है। शुक्र है कि सत्ताधारी दल के किसी नुमाइंदे ने फौरन इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने की जहमत नहीं उठाई, अन्यथा सियासी रार का सिलसिला अपने चरम पर पहुंच जाता है और फिर नतीजा क्या होता है, उससे तो हम सब वाकिफ ही हैं। समझे आप हम किसकी बात कर रहे हैं। हम अमर जवान ज्योति की बात कर रहे हैं। अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में मिलाने का फैसला किया है, जिसके बाद से सियासी गलियारों में घमासान मच गया है। विपक्षी के सभी नेताओं ने केंद्र के इस फैसले की जमकर आलोचना की है। राहुल गांधी से लेकर मनीष तिवारी तक ने केंद्र सरकार के इस फैसले के बारे में क्या कुछ कहा है। लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह रही कि केंद्र सरकार की तरफ इस पूरे मामले में कोई त्वरीत प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, या फिर आप यूं कह लीजिए कि बीजेपी के इस काम को पूर्व वीर सैनिकों ने खुद कर दिया, अब आप पूछेंगे कि वो कैसे, तो वो ऐसे कि कांग्रेस द्वारा केंद्र सरकार के इस फैसले की होती आलोचना को देखते हुए वीर सैनिकों ने सरकार के इस फैसले को सही करार देकर विपक्षी कुनबों को खामोश कर दिया है। अब यह तो स्वभाविक ही है कि जब वीर सैनिक ही सरकार के इस फैसले को सही करार दे रहे हैं, तो विपक्षी दल भला इस फैसले को कैसे सही करार दे सकते हैं। चलिए, आगे जानते हैं कि केंद्र सरकार के इस फैसले का पक्ष लेते हुए किस वीर सैनिक ने क्या कहा है।

1971 के युद्ध में हिस्सा ले चुके आर्मी के पूर्व डेप्युटी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) बीएस यादव ने भी अमर जवान ज्योति को शिफ्ट करने करने के फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, ‘जब हमारी सरकार ने हमारे योद्धाओं और जवानों की याद में तात्कालिक तौर पर अमर ज्योति के तौर पर स्मारक बनाने की आज्ञा दी थी। उस वक्त हमारा युद्ध स्मारक नहीं था। अब हमारे पास राष्ट्रीय युद्ध स्मारक है तो यह उचित होगा कि वॉर मेमोरियल के अंदर ही अमर जवान ज्योति को मिला दिया जाए।’ मेजर जनरल (रिटायर्ड) जीडी बख्शी ने कहा कि जहां हमारे सभी सैनिकों को नाम अंकित हैं, वहां अमर जवान ज्योति का जाना बिल्कुल उचित है। भारतीय सेना के पूर्व डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) विनोद भाटिया ने कहा, ‘आज 50 साल बाद अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के ज्योति में मिलाया जा रहा है ये बहुत ही अच्छा फैसला है क्योंकि अमर जवान ज्योति (इंडिया गेट) पर ब्रिटिश भारतीय सैनिकों का नाम है वो हमारे पूर्वज थे।

चलिए, यह तो हुई बात किस वीर सैनिक ने  क्या कहा है। अब जाते-जाते यह भी जान लेते हैं कि विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार के इस फैसले के विरोध में क्या कुछ कहा था। बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के इस फैसले की आलोचना की थी, तो वहीं मनीष तिवारी ने कहा था कि भारत के लोगों के अंतरात्मा और उनकी मानसिकता में अमर जवान ज्योति की अपनी एक विशेष स्थान है इसलिए अमर जवान ज्योति की लौ को बुझाकर इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के ज्योति में मिलाए जा रहा है ये राष्ट्रीय त्रासदी और इतिहास को मिटाने की कोशिश है।


खैर, अब जिस तरह से पूर्व वीर सैनिकों  ने केंद्र सरकार के इस फैसले का पक्ष लेते हुए विपक्षी दलों का मुंह बंद कर दिया है, उसे देखते हुए अब इस पूरे मसले को लेकर ज्यादा कुछ कहने सुनने को रह नहीं जाता है।